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प्रधान आरक्षक ने खुद को मारी गोली

टीकमगढ़ ! लगभग दो वर्षों में पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक,प्रधान आरक्षक स्वंय को गोली मारने की घटना को अंजाम दे चुके है,जिसमें जिला मुख्यालय पर ट्रेजरी विभाग में पदस्थ आरक्षक ने स्वंय को गोली मारकर

प्रधान आरक्षक ने खुद को मारी गोली
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टीकमगढ़ ! लगभग दो वर्षों में पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक,प्रधान आरक्षक स्वंय को गोली मारने की घटना को अंजाम दे चुके है,जिसमें जिला मुख्यालय पर ट्रेजरी विभाग में पदस्थ आरक्षक ने स्वंय को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। जतारा थाने में भी इस तरह की घटना पूर्व में घटित हो चुकी है। इतना ही नही कुछ वर्ष पूर्व पृथ्वीपुर में एसडीओपी और टीआई के बीच किसी बात को लेकर गोली चली थी जिसमें दोनों लोगों की मौत हो चुकी थी। लेकिन , पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी आज तक पुलिसकर्मियों द्वारा की गई आत्महत्याओं के कारणों का स्पष्ट ढंग से कोई खुलासा नही कर पाई की आखिर क्या कारण है कि पुलिस विभाग के कर्मी इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं।
बुधवार दोपहर 2 बजे के आस पास सिटी कोतवाली अन्तर्गत आने वाली खिरिया चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक लल्लूराम पिता प्रागीलाल यादव उम्र 58 वर्ष निवासी मुड़ारा थाना निवाड़ी ने अज्ञात कारणों के चलते अपने सर्विस रायफल से स्वंय को गोली मार ली। हालाकि, गोली गले के नीचे से निकल गई लेकिन, वह गंभीर रूप से घायल हो गये। गौरतलब है कि प्रधान आरक्षक लल्लूराम यादव लगभग डेढ़ वर्ष से खिरिया चौकी में पदस्थ था,जिसने बुधवार को सर्विस रायफल से स्वंय को गोली मार ली। घायल अवस्था में चौकी प्रभारी माधवी कटारे प्रधान आरक्षक को जिला चिकित्सालय लेकर पहुंची। इसके अलावा जानकारी लगते ही पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा, एसडीओपी नितेश भार्गव,नगर निरीक्षक राजेश सिंह बंजारे जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां उन्होंने घायल प्रधान आरक्षक का प्राथमिक उपचार कराया। हालत गंभीर होने के कारण प्राथमिक उपचार उपरांत प्रधान आरक्षक लल्लूराम यादव को झांसी मेडिकल कॉलेज के लिये रिफर कर दिया गया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी लल्लूराम द्वारा की गई इस घटना के कारणों की जांच करने में जुट गई है।
एक साल से था परेशान
पुलिस सूत्रों की माने तो प्रधान आरक्षक लल्लूराम यादव पिछले एक वर्ष से काम का बोझ अधिक होने के कारण काफी परेशान था और उनके द्वारा कई बार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में आवेदन दिया गया था कि मेरा स्वास्थ्य खराब रहता है,खिरिया चौकी में कार्य अधिक है इस बजह से मुझे किसी अनयत्र जगह नियुक्त किया जाये। मगर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी एक नही सुनी,जिसके चलते प्रधान आरक्षक श्री यादव को आत्महत्या जैसी घटना का प्रयास करने के लिये मजबूर होना पड़ा।
इनका कहना है
मुझे इस बात की जानकारी नही है कि उक्त प्रधान आरक्षक कई बार काम का बोझ अधिक होने के कारण अनयत्र जगह स्थान्तरित करने के लिये आवेदन दे चुका है,रही बात उक्त घटना की तो इस बात की जांच कराई जा रही है कि सर्विस रायफल धोखे से चली है या प्रधान आरक्षक ने आत्महत्या करने के उद्देश्य से गोली चलाई है,इसकी बारीकी से पड़ताल हो रही है।
नितेश भार्गव, एसडीओपी, टीकमगढ़


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