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ओडिशा में हिंसा की घटनाओं के बाद चौथे चरण के पंचायत चुनाव के लिए कड़ी की गई सुरक्षा व्यवस्था

पंचायत चुनाव के पहले तीन चरणों में हुई हिंसा की घटनाओं के बाद ओडिशा पुलिस ने मंगलवार को होने वाले चौथे चरण के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है

ओडिशा में हिंसा की घटनाओं के बाद चौथे चरण के पंचायत चुनाव के लिए कड़ी की गई सुरक्षा व्यवस्था
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भुवनेश्वर। पंचायत चुनाव के पहले तीन चरणों में हुई हिंसा की घटनाओं के बाद ओडिशा पुलिस ने मंगलवार को होने वाले चौथे चरण के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने चार चरण के चुनाव के लिए जिला पुलिस अधिकारियों के साथ 257 प्लाटून बल और 1,473 मोबाइल गश्त दलों को तैनात किया है, जबकि 20 फरवरी को हुए पिछले चरण के लिए 240 प्लाटून बल, 1,625 मोबाइल गश्ती दल तैनात किए गए थे।

यह कदम जाजपुर जिले में तीन पत्रकारों पर हमले के एक दिन बाद आया है, जब वे एक चुनावी हिंसा की घटना को कवर करने जा रहे थे। इसके अलावा, पिछले तीन चरणों के ग्रामीण चुनावों के दौरान हिंसा की कई अन्य घटनाएं सामने आईं हैं।

चुनाव संबंधी घटनाओं के सिलसिले में पुलिस ने 82 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि जाजपुर जिले से 43, ढेंकनाल जिले से नौ, जगतसिंहपुर से छह और पुरी जिले से 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

आयोग के सचिव आर. एन. साहू यहां सोमवार को कहा कि चौथे चरण का चुनाव ओडिशा के 27 जिलों में 64 ब्लॉक के तहत 1,254 ग्राम पंचायतों (जीपी) के 17,089 बूथों पर होने जा रहा है।

एसईसी ने 2,563 बूथों को संवेदनशील बूथों के रूप में चिन्हित किया है और इन बूथों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। साहू ने कहा कि इस चरण में 51.31 लाख से अधिक मतदाता वोट डालने के पात्र हैं।

163 जिला परिषद सदस्य सीटों के लिए कम से कम 667 उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके भाग्य का फैसला मंगलवार को मतदाता करेंगे।

उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के मतदान में 56.53 लाख मतदाताओं में से कुल 78.6 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।

राज्य में कोविड-19 मामलों की घटती प्रवृत्ति को देखते हुए आयोग ने मतगणना के लिए पूर्व में लगाए गए कुछ प्रतिबंधों में ढील दी है। नवीनतम आदेश के अनुसार, मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने के लिए अनिवार्य कोविड-19 परीक्षण (आरटी-पीसीआर या एंटीजन) से गुजरने की आवश्यकता नहीं है।

हालांकि, मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों का थर्मल स्कैन किया जाएगा और केंद्रों के अंदर केवल दोहरे टीकाकरण वाले व्यक्तियों को ही अनुमति दी जाएगी।

इसके अलावा, कोविड-19 के लक्षणों वाले लोगों को मतगणना केंद्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वोटों की गिनती 26, 27 और 28 फरवरी को होगी।


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