पहले नोटबंदी अब जीएसटी के मार झेल रहा तिब्बत बाजार
सेक्टर-33 स्थित ग्राउंड में एक नवम्बर से तिब्बत मार्केट लगी है

नोएडा। सेक्टर-33 स्थित ग्राउंड में एक नवम्बर से तिब्बत मार्केट लगी है। यहां खरीदारों की भीड़ कम नजर आ रही है। दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल नोटबंदी के चलते खरीदार कम आए थे। वहीं, इस साल जीएसटी की मार उन्हें झेलनी पड़ रही है। ऐसे में लोग आ तो रहे है कि लेकिन सामान नहीं खरीद रहे।
हर साल की तरह इस बार भी प्रवासी तिब्बत वासियों द्वारा यहां तिब्बत मार्केट लगाया गया है। ठंड के चलते दुकानदार स्वेटर व जैकेट की दुकान लगाए बैठे हैं। ऐसी करीब 109 दुकानें यहां लगाई गई है। लेकिन खरीदारी करने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है। यहां नेपाल बार्डर, लुधियाना व अन्य जगह से दुकानदार आए हुए हैं। यहां ऊनी कार्डिगन की ज्यादा मांग है। जिसकी शुरुआती कीमत 1200 से लेकर 2100 रुपए तक है।
खरीदार यहां कार्डिगन खरीदने ही पहुंच रहे हैं। दुकानदारों की बात करें तो उनका कहना है कि पिछले तीन साल से उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है। 15 फरवरी को तिब्बत मार्केट का समापन होगा। ऐसे में दुकानदार ट्रांसपोर्ट के जरिए माल मंगवा रहे हैं। जिस पर जीएसटी लगाया जा रहा है। माल न बिकने की वजह से उन्हें दोहरी मार पड़ रही है।
यहां पार्किंग की सुविधा भी नि:शुल्क दी गई है। साथ ही यहां करीब 5 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। पिछले साल नोटबंदी के दौरान दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ था। दुकानदारों का कहना है कि जीएसटी के चलते इस साल भी परेशानी हो रही है। यदि ऐसा ही रहा तो समापन से पहले ही उन्हें यहा से जाना पड़ सकता है। दुकानदारों का यह भी कहना है कि जिस स्थान पर यह मार्केट लगती है वह लोगों की पहुंच से काफी दूर है। साथ ही मार्केट तक पहुंचने के लिए परिवहन का कोई भी साधन नहीं है। ऐसे में चाहकर भी लोग यहा नहीं पहुंच पा रहे है।
मॉल भरा लेकिन नहीं मिल रहा खरीदार
दुकानदारों ने बताया ठंड के लिहाज से यहा जैकेट, हुड, गर्म स्वेटर के अलावा महिलाओं के लिए स्कार्फ, स्टोल इत्यादि वुलेन के कपड़े लाए गए है। इसके अलावा स्टाइलिस पर्स, जूते, सैंडल भी है। आलम यह है कि लोग इनको सिर्फ देख रहे है।
खरीदने वाले बमुश्किल दो से चार ही है।


