जिले के तीनों सरकारी अस्पताल होंगे ई-अस्पताल में तब्दील
सरकारी अस्पतालों के मरीज भी अब आसानी से पंजीकरण करा सकेंगे
गाजियाबाद। सरकारी अस्पतालों के मरीज भी अब आसानी से पंजीकरण करा सकेंगे। उन्हें ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही उन्हें जांच रिपोर्ट के लिए बार-बार अस्पतालों के चक्कर भी नहीं लगाने होंगे। अपनी जांच रिपोर्ट वह मोबाइल पर ही देख सकेंगे। यह सुविधा अगले महीने से जनपद के तीनों सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होगी। तीनों अस्पताल नवम्बर से ई-अस्पताल में तब्दील होने जा रहे हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है।
ई-अस्पताल बन जाने के बाद सरकारी अस्पतालों में सारे काम ऑनलाइन होंगे। योगी सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को ई-अस्पताल में तब्दील करने की योजना बनाई है। योजना के तहत प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदेश का पहला ई-अस्पताल डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल बन चुका है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए जनपद में एमएमजी अस्पताल, जिला महिला अस्पताल और संयुक्त जिला अस्पताल को ई-अस्पताल बनाने की कवायद नवम्बर से शुरू हो जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है।
मोबाइल पर मिलेगा संदेश
अभी तक मरीजों को जांच कराने के बाद रिपोर्ट लेने के लिए बार-बार अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते थे। ई-अस्पताल में तब्दील होने के बाद मरीजों को उनकी जांच रिपोर्ट मोबाइल पर ही मिल जाएगी, जिससे उन्हें बार-बार अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
पर्चा खोने पर नहीं होगी परेशानी
सरकारी अस्पताल के ई-अस्पताल बन जाने के बाद मरीजों को बार-बार चिकित्सकों के पास पर्चा लेकर जाने से भी निजात मिल जाएगा। यही नहीं अगर वह पर्चा घर पर ही भूल जाते हैं, तो भी उन्हें दोबारा घर भागकर नहीं जाना होगा। अगले महीने से तीनों सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए जाने वाले मरीजों की पूरी जानकारी कंप्यूटर पर दर्ज की जाएगी। इससे चिकित्सकों को कंप्यूटर पर मरीज का नाम डालने के बाद उससे जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी।
ओपीडी के लिए लागू होगा टोकन सिस्टम
ई-अस्पताल के जरिए ओपीडी में टोकन व्यवस्था लागू होगी। मरीजों को टोकन दिए जाएंगे। टोकन के अनुसार ही मरीज चिकित्सकों के कक्ष में जाएंगे। ओपीडी में रोजाना इलाज के लिए 200 से 300 मरीज आते हैं। ऐसे में चिकित्सकों के कक्ष के आगे मरीजों की लंबी कतार लगी रहती है, जिससे अस्पताल में अफरातफरी का माहौल रहता है। यही नहीं ओपीडी के मरीजों के शोर से अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी परेशानी होती है। सरकारी अस्पतालों को ई-अस्पताल बनाने की योजना है। नवम्बर से धीरे-धीरे अस्पताल ई-अस्पताल में तब्दील होने लगेंगे।


