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लद्दाख के मोर्चे पर तीन डिवीजन सेना तैनात

लद्दाख सीमा पर चीनी सेना का खतरा कितना ज्यादा है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक महीने के अंदर भारतीय सेना ने तीन डिवीजन सेना को लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर तैनात कर दिया है।

लद्दाख के मोर्चे पर तीन डिवीजन सेना तैनात
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एलएसी पर कुछ इलाकों में दोनों मुल्कों की फौज आमने-सामने

जम्मू । लद्दाख सीमा पर चीनी सेना का खतरा कितना ज्यादा है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक महीने के अंदर भारतीय सेना ने तीन डिवीजन सेना को लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर तैनात कर दिया है। भारतीय सेना को यह तैनाती इसलिए करनी पड़ी है क्योंकि लाल सेना के हजारों सैनिक करीब 6 विवादित स्थानों पर डेरा जमाए बैठे हैं और युद्ध का माहौल पैदा कर रहे हैं। जबकि कुछ इलाकों में अब दोनों सेनाएं आमने सामने हैं।

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, मई महीने के पहले सप्ताह से ही एलएसी पर सैनिकों की तैनाती का कार्य उस समय आनन फानन में करना पड़ा जब चीनी सैनिक उत्तरी लद्दाख में गलवान घाटी और देपसांग, मध्य लद्दाख में हाट स्प्रिंग्स, पेंगोंग सो और चुशूल तक तो दक्षिणी लद्दाख में दमचोक और चुमार में आ डटे थे।

मिलने वाली खबरें कहती हैं कि भारतीय सेना की 14वीं कोर, जिसका मुख्यालय लेह में है, ने सेना की तीन डिवीजन को डीबीओ, चुशूल और दमचोक के बीच आने वाले इलाकों में तैनात कर दिया है। चीनी सेना के खतरे से पहले कभी भी इतनी संख्या में भारतीय सैनिकों को लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर तैनात नहीं किया गया था।

दरअसल चीनी सेना लद्दाख सीमा पर उत्तरी लद्दाख में गलवान घाटी और देपसांग, मध्य लद्दाख में हाट स्प्रिंग्स, पेंगोंग सो और चुशूल तक तो दक्षिणी लद्दाख में दमचोक और चुमार के इलाकों में सैनिक साजो सामान, जिनमें तोपखाना, टैंक, मिसाइल और बख्तरबंद वाहन भी हैं, उनके साथ आ डटी हुई है। जहां तक की वह इन इलाकों में भारतीय इलाके के भीतर ही सड़कों के निर्माण के साथ ही हेलिपैड भी विकसित कर चुकी है। हालांकि पैंगांग सो लेक के फिंगर 4 प्वाइंट पर ही एक चीनी हेलिपैड होने की पुष्टि भारती सेना के सूत्र करते थे।

सूचनाओं के मुताबिक, चीन सीमा पर लद्दाख सेक्टर में खतरे के आलम को देखते हुए ही भारतीय सेना भीष्म टैंकों के साथ ही के-9 वज्र थंडर तोपखानों के साथ ही अमेरीकी निर्मित एम-777 तोपों को भी चीन से मुकाबले के लिए तैनात कर चुकी है।

अगर सूत्रों पर विश्वास करें तो पैंगांग सो लेक के विवादित फिंगर 4 के इलाके में अब भारतीय व चीनी सेनाएं आमने सामने हैं। दोनों के बीच दूरी घट कर 300 से 400 मीटर के बीच रह गई है जिसे रक्षा सूत्र भयानक व खतरनाक स्थिति निरूपित इसलिए करते थे क्योंकि वे कहते थे कि एलएसी पर अब भारतीय सेना को गोली चलाने के अधिकार मिलने के बाद माहौल बहुत ही ज्यादा गर्मा चुका है।

--सुरेश एस डुग्गर--


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