तीन कोलवाशरी फिर भी गांव विकास में पिछड़ा
बलौदा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बिरगहनी ब के ग्रामीणों ने ग्राम प्रमुख के साथ कलेक्टर के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुये गांव में अवरूद्ध विकास कार्यों को शुरू कराने की मांग की
अनुसूचित जाति बाहुल्य बिरगहनी के ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
बलौदा/जांजगीर। बलौदा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बिरगहनी ब के ग्रामीणों ने ग्राम प्रमुख के साथ कलेक्टर के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुये गांव में अवरूद्ध विकास कार्यों को शुरू कराने की मांग की है। साथ ही गांव में बेखौफ चल रहे कोलवाशरी एवं इससे भारी वाहनों की बढ़ी आवाजाही पर लगाम लगाने की मांग की है।
पंचायत प्रतिनिधियों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर विभिन्न विकास कार्यों की मांग की है। मांग पूरा नहीं होने की स्थिति में चक्काजाम आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इस संबंध में ग्रामीण एवं गांव के सरपंच ने बताया कि उनका ग्राम पंचायत बिरगहनी ब शत-प्रतिशत अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र है। उसके बावजूद शासन-प्रशासन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि के अनदेखी का शिकार है।
यही कारण है कि विकास मद शासकीय योजनाओं के लाभ नहीं मिलने के कारण क्षेत्र के पिछड़े मुख्य कारण है। दूसरी बात क्षेत्र के आसपास तीन-तीन कोलवाशरी संचालित है। उनके विकास मद से ही बहुत कुछ विकास कार्य कराया जा सकता है, परन्तु वह भी नगण्य है जबकि कोलवाशरी से 4-5 हजार प्रतिदिन गाड़ियों का आवागमन होता रहता है। जिससे दुर्घटना का आशंका बना रहता है।
अमूमन प्रतिवर्ष 10 से 15 आदमी दुर्घटना का शिकार होने के उपरांत मौत हो रही है। वहीं सैकड़ों पशुधन इनके चपेटे में आकर मारे जाते है। इसके अलावा इन कोलवाशरी के वजह से पर्यावरण पूरी तरह से प्रदूषित होते जा रहा है। परिणाम स्वरूप फसलों उत्पादन क्षमता प्रभावित हो रही है। शिक्षण संस्थाए सड़क से लगी हुई है। अत: अभिभावक गण अपने बच्चों की सुरक्षा के लेकर चिंतित रहते है। खासकर महावीर कोलवाशरी के सीएस मद से क्षेत्र में अभी तक कोई भी कार्य नहीं कराया गया है।
जिसे ग्रामीणजन आक्रोशित है इसके अलावा अन्य मुद्दे मुक्तिधाम , सांस्कृतिक भवन, सामुदायिक भवन, गांव पहुंच मार्ग, पचरी निर्माण, पेयजल, सीसी रोड आदि मांगे है जो पूरा नहीं होने के कारण क्षेत्र का विकास कार्य बाधित हो रहा है। हमारी मांगों को निर्धारित अवधि 25 जुलाई तक पूरा नहीं किया जाता है तो 26 जुलाई को ग्रामीणजन चक्काजाम करने के लिए बाध्य होंगे। इसकी संपूर्ण जानकारी शासन-प्रशासन की होगी।


