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जौनपुर में रासायनिक पानी के कारण डेंजर जोन में पहुंच गए तीन विकासखंड

फैक्ट्रियों से निकलने वाले रासायनिक पानी एवं खेतों में तय मात्रा से अधिक उर्वरक के उपयोग की वहज से तेजी से भूगर्भ जल जहरीला हो रहा है

जौनपुर में रासायनिक पानी के कारण डेंजर जोन में पहुंच गए तीन विकासखंड
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जौनपुर । फैक्ट्रियों से निकलने वाले रासायनिक पानी एवं खेतों में तय मात्रा से अधिक उर्वरक के उपयोग की वहज से तेजी से भूगर्भ जल जहरीला हो रहा है ,जिसके कारण उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के तीन विकासखंड डेंजर जोन में पहुंच गए ।

जल निगम के अधिशासी अभियंता संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि कालीन नगरी भदोही से सटे जौनपुर जिले के रामनगर , रामपुर व बरसठी विकास खंड क्षेत्र में भूगर्भ जलस्तर जहरीला हो चला है । पाताल तक पानी घातक रसायनों के कारण प्रदूषित होता जा रहा है,जिससे कारण हैंडपंपों से निकलने वाले प्रदूषित पानी के मद्देनजर उन्हें चिन्हित किया था लेकिन इस समस्या के निराकरण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका ।

उन्होंने बताया कि खेतों में पैदावार बढ़ाने के लिए रासायनिक खादों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। धरती के स्त्रोतों से पाताल में पहुंच रहा हानिकारक रसायन पानी को प्रदूषित कर रहा है। इसके अलावा गांवों में लगे तमाम हैंडपंपों की जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। आस-पास जमे गंदे पानी व कपड़े धोते वक्त उपयोग होने वाले डिटर्जेंट पावडर भी भीतर पहुंच पानी को प्रदूषित कर रहे हैं। रामपुर ब्लाक के सिधवन के फैक्ट्रियों से निकलने वाले रासायनिक पानी से स्थिति खराब हो रही है। मड़ियाहूं क्षेत्र में भी तमाम हैंडपंप से प्रदूषित जल निकल रहा है। रामपुर क्षेत्र में सर्वे के दौरान 7852 हैंड पंपों के पानी की जांच की गई जिसमें फ्लोराइड, नाइट्रेट व आयरन मानक से अधिक मिले थे। इसी प्रकार मड़ियाहूं व रामनगर में भी सर्वे के दौरान हैंड पंपों का पानी प्रदूषित होने का पता चला था।

श्री गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2018-19 में जिले के 21 ब्लाकों में पानी की शुद्धता जांचने के लिए सर्वे किया गया था। उन्होंने बताया कि जांच में गांवों में लगे हैंडपंपों समेत कुओं को भी शामिल किया था। गांव समेत जौंंनपुर नगर के कटघरा, मियांपुर, हनुमानघाट, रासमंडल व सिपाह का पानी में शुद्धता की कसौटी पर खरा नहीं उतरा। तत्कालीन जिलाधिकारी अरविद मलप्पा बंगारी ने प्रदूषित पानी देने वाले हैंडपंपों को चिन्हित भी कराया था लेकिन बाद में इसे लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा सका।

उन्होंने बताया कि जल स्त्रोतों की जांच दोबारा कराई जा रही है। इसमें अधिकांश ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। कुछ स्थानों की रिपोर्ट आ गई है, जबकि कुछ की आनी है। समस्त रिपोर्ट के आकलन के बाद जरूरी कदम निश्चित रूप से उठाए जाएंगे। यह समस्या केवल जौनपुर जिले की नहीं है।

गौरतलब है इसी तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैक्ट्रियों का दूषित पानी नदियों में गिरने के कारण सहारनपुर एवं मेरठ मंडल के कई गांव में भूमिगत जल के प्रदूषित होने की वजय से कैंसर आदि बीमारी के कारण अनेक लोग प्रभावित हैं। यह समस्या विकट होती जा रही है।


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