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कांग्रेस विधायक तनवीर सैत को अज्ञात व्यक्तियों ने दी जान से मारने की धमकी !

कांग्रेस विधायक तनवीर सैत ने टीपू सुल्तान की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा करने पर जान से मारने की धमकी मिलने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

कांग्रेस विधायक तनवीर सैत को अज्ञात व्यक्तियों ने दी जान से मारने की धमकी !
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मैसूर (कर्नाटक): कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक तनवीर सैत ने टीपू सुल्तान की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा करने पर जान से मारने की धमकी मिलने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने हासन जिले के सकलेशपुर के एक हिंदू कार्यकर्ता रघु के खिलाफ उदयगिरि पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

सैत ने घोषणा की है कि वह मैसूर या श्रीरंगपटना में टीपू सुल्तान की 108 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित कराएंगे।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रघु ने एक वीडियो में उनसे मूर्ति स्थापना को लेकर बयान जारी करने के लिए माफी मांगने का आग्रह किया। उन्होंने कन्नड़ में कहा, अगर बयान वापस नहीं लिया जाता है, तो आपको दफनाने के लिए जगह तैयार है।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर विधायक तनवीर सैत के साथ के.सी. बीड़ी मजदूर संघ के सचिव शौकत पाशा ने भी मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

दक्षिण कर्नाटक के एक प्रमुख अल्पसंख्यक नेता सैत ने अपने पिता अजीज सैत की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया और मैसूर शहर में नरसिम्हाराजा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 2019 में एसडीपीआई कार्यकर्ता पे कथित तौर पर चाकू मार दिया था।

तनवीर सैत ने 18वीं शताब्दी के शासक टीपू सुल्तान को बदनाम करने और उनकी छवि को विकृत करने के प्रयास के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और हिंदू संगठनों की निंदा की और टीपू की एक प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की।

तनवीर सैत ने कहा, यद्यपि इस्लाम के अनुसार मूर्तियों के निर्माण की अनुमति नहीं है, लेकिन अब ऐसे प्रतीक की आवश्यकता है, जब भाजपा और संघ परिवार अंग्रेजों से लड़ने और देश के लिए शहीद होने वाले शासक को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।

हिंदू संगठनों ने टीपू सुल्तान की मूर्ति को गिराने की चेतावनी जारी की है। इस पर तनवीर सैत ने जवाब दिया कि वह भारत के संविधान में विश्वास करते हैं और अन्य लोगों की तरह उनका भी अधिकार है।

सत्तारूढ़ बीजेपी और हिंदू संगठनों का कहना है कि टीपू सुल्तान एक धार्मिक कट्टरपंथी थे और क्रूर तरीकों से हिंदुओं के सामूहिक धर्मांतरण में शामिल थे। सत्तारूढ़ भाजपा की सरकार ने कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के नेतृत्व में प्रस्तावित टीपू जयंती समारोह पर रोक लगा दी है।


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