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गिरफ्तारी के बीच हजारों किसान पहुंचे नासिक

किसानों की मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा प्रस्तावित मुंबई मार्च आज पुलिस के साथ हुई टकराहट के कारण शुरु नहीं हो सका

गिरफ्तारी के बीच हजारों किसान पहुंचे नासिक
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- भारत शर्मा

नई दिल्ली। किसानों की मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा प्रस्तावित मुंबई मार्च आज पुलिस के साथ हुई टकराहट के कारण शुरु नहीं हो सका। पुलिस ने जगह-जगह किसानों और उनके नेताओं को गिरफ्तार किया, जिस कारण कई स्थानों पर अवरोध हुआ, फिर भी बड़ी संख्या में किसान नासिक पहुंच गए। यहां सभी किसान मुंबई नाका पर वे जमा हैं और सभा चल रही है। किसान
रात भर नासिक में गुजार कर सुबह मुंबई के लिए रवाना होंगे।

किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले के अनुसार नासिक पहुंचे किसानों की संख्या 40 हजार के करीब है, जबकि 15 हजार से अधिक किसानों को पुलिस ने ठाणें, पालघर और डिंडोरी जिले में रोक रखा है, जिन्हें देर शाम छोड़ा गया। ये सभी किसान देर रात नासिक पहुंचे, इस कारण यात्रा आज शुरु नहीं हो सकी। पुलिस इस बात पर जोर दे रही है, कि यात्रा नासिक से बाहर न निकल सके। हालांकि यात्रा की विधिवत शुरुआत देर शाम किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव हन्नान मौल्ला ने की।

उन्होंने केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इन सरकारों ने किसानों के साथ धोखा किया है। मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पहला काम भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव का किया, दूसरा काम अदालत को यह बताने का किया, कि किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार दाम नहीं दिया जा सकेगा।

उन्होंने कहा, कि किसानों ने जो पाया है, वह संघर्ष के दम पर किया है, अब चुनाव नजदीक आ गए हैं, तो ये खुद को किसान हितैषी बताने की कोशिश कर रहे हैं। किसान सभा सूत्रों के अनुसार प्रशासन का कहना है, कि किसान नासिक में सभा कर सकते हैं, पर मार्च नहीं कर सकते। इसी बीच राज्य सरकार एक मंत्री को किसानों से बात करने के लिए भेजने के लिए तैयार हो गई है।

हालांकि राज्य सरकार के साथ चर्चाओं के दौर पहले भी कई बार हो चुके हैं,
पर कोई सहमति नहीं बन सकी, इसीलिए पिछले साल हुए मुंबई मार्च के 11 माह
बाद एक बार फिर मार्च शुरु हो रहा है।

अशोक धवले के अनुसार, यह मार्च तीन मांगों को लेकर निकाला जा रहा है, पहला पिछले वादे पूरे करो, दूसरा सूखे के त्रस्त किसानों को राहत दो, तीसरा किसानों को कर्ज माफ करो और उन्हें लाभकारी मूल्य दो।


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