सीएसआईआर की प्रौद्योगिकी से बची हजारों लोगों की जान
वैज्ञानिक एवं सीएसआईआर की दो प्रयोगशालाओं की प्रौद्योगिकियों से ओडिशा तथा आँध्र प्रदेश में गत दिनों आये फोनी तूफान समेत पिछले 10 साल में आये कई चक्रवाती तूफानों में हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी है

नयी दिल्ली। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) की दो प्रयोगशालाओं की प्रौद्योगिकियों से ओडिशा तथा आँध्र प्रदेश में गत दिनों आये फोनी तूफान समेत पिछले 10 साल में आये कई चक्रवाती तूफानों में हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी है।
सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर सी. मांडे ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि वर्ष 1977 और 1999 में ओडिशा में आये चक्रवाती तूफानों में तकरीबन दस-दस हजार लोग अकाल काल के शिकार हो गये थे।
लेकिन, पिछले कुछ समय में आये तूफानों में यह संख्या 20-30 या कभी-कभी इससे भी कम रहती है। इसमें सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं की भवन निर्माण प्रौद्योगिकियों का काफी योगदान रहा है।
उन्होंने बताया कि स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर, चेन्नई और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, रुड़की ने भवन निर्माण की जो तकनीकें विकसित की हैं उनके आधार पर करीब 10 साल पहले भुवनेश्वर में मॉडल बिल्डिंग बनाये गये थे। ओडिशा में सीएसआईआर ने उस समय 75 ऐसे भवन बनाये थे जो तूफान से पूरी तरह सुरक्षित हैं।
इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुये ओडिशा के तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर पिरामिड ढाँचे की छत वाले भवनों का निर्माण किया गया है जिससे अब वहाँ चक्रवाती तूफानों में घरों और लोगों की जान का नुकसान बेहद कम होता है। आँध्र प्रदेश में भी इस तरह के मॉडल भवन बनाये गये हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन काम करने वाले सीएसआईआर के महानिदेशक ने बताया कि ओडिशा में इस समय तूफान से सुरक्षित जितने शिविर बनाये गये हैं उनमें अधिकतर की डिजाइन परिषद् की प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों पर आधारित हैं। इस प्रकार परिषद् ने हजारों की संख्या में लोगों की जान बचाने में मदद की है।
उन्होंने बताया कि स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर, चेन्नई में एक विंड टनल स्थापित किया गया है जिसमें तूफान जैसी स्थिति पैदा कर किसी ढाँचे की मजबूती परखी जाती है। यह देश में इमारतों के ढाँचों की मजबूती की जाँच करने वाला सबसे अच्छा विंड टनल है।
सीएसआईआर की अन्य तकनीकें भी आपदा प्रभावित इलाकों में लोगों के राहत एवं पुनर्वास में मददगार हो रही हैं। ओडिशा में पिछले दिनों आये फोनी तूफान से प्रभावित इलाकों में सीएसआईआर ने पानी को साफ करने वाला एक विशेष वाहन भेजा है जो किसी भी प्रकार के पानी को पानी को पीने लायक बनाता है। यह वाहन परिषद् की सेंट्रल सॉल्ट एंड मरीन केमिकल्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसएमसीआरआई) द्वारा विकसित पानी साफ करने की प्रौद्योगिकी पर तैयार किया गया है।
झिल्ली आधारित रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) प्रौद्योगिकी पर काम करने वाला यह वाहन एक घंटे में दो हजार लीटर पानी को साफ कर सकता है। खास बात यह है कि इसके लिए बाहर से बिजली आपूर्ति की जरूरत नहीं होती। जब बस का इंजन चल रहा होता है उसी से उत्पन्न बिजली से बस में लगा उपकरण पानी को साफ करता है।


