12वीं में 60 प्रतिशत अंक पाने वाले ही पा सकेंगे दाखिला
यूपीएसईई की काउंसलिंग के बाद निजी संस्थानों में बची हुई सीटों पर सीधे प्रवेश के लिए शासन अनुमति जरुर मिल गई है

ग्रेटर नोएडा। यूपीएसईई की काउंसलिंग के बाद निजी संस्थानों में बची हुई सीटों पर सीधे प्रवेश के लिए शासन अनुमति जरुर मिल गई है, लेकिन जिन शर्तों को पालन करना है उसमें बहुत से विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह जाएंगे, ऐसे में छात्रों को अन्य विवि व कोर्सों की तरफ रुख करना पड़ सकता है।
निजी संस्थानों को सीधे प्रवेश की अनुमति देने का प्रस्ताव डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम विवि (एकेटीयू) ने शासन को भेजा गया था, अनुमति के साथ ही शासन ने सीधे दाखिले के लिए कई शर्ते भी लगाई है।
मसलन स्पॉट काउंसलिंग में वही अभ्यर्थी हिस्सा ले सकेंगे, जिनके 12वीं में कम से कम 60 प्रतिशत अंक हो। एससी व एसटी अभ्यर्थियों के लिए यह सीमा 55 प्रतिशत है। साथ ही अभ्यर्थी का यूपीएसईई, जेईई मेन्स या अन्य किसी राज्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होना जरूरी है।
निजी कॉलेजों में सीधे दाखिले अंतिम राउंड की मुख्य काउंसलिंग के बाद ही शुरू होंगे। साथ ही यह भी कहा गया है कि स्पॉट काउंसलिंग आनॅलाइन ही होगी और इसके शुरू होने से पहले निजी संस्थानों की खाली बची सीटों की जानकारी एकेटीयू के पोर्टल पर उपलब्ध कराना जरूरी होगा।
प्रवेश परीक्षा की रैंक के आधार पर ऑनलाइन स्पॉट काउंसलिंग की जाएगी और जो अभ्यर्थी पहले मुख्य ऑनलाइन काउंसलिंग में हिस्सा ले चुके होंगे लेकिन उन्हें सीट नहीं मिली होगी, वे भी काउंसलिंग में शामिल हो सकेंगे।
नॉलेज पार्क के कई निजी संस्थानों की स्थिति पहले से ही खराब है, ऐसे में काउंसलिंग के बाद 60 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले छात्रों से सीटें भरना और भी मुश्किल होगा। ऐसा माना जा रहा है कि शर्ते पूरा नहीं करने वाले छात्रों को बीटेक के बजाय डिप्लोमा की तरफ रुख करना पड़ सकता है।
नॉलेज पार्क के कई शिक्षण संस्थानों में एकेटीयू काउंसलिंग से मुश्किल से 25 प्रतिशत सीटें भर पाती थी अब और बड़ी चुनौती हो गई। कई कॉलेजों के प्रबंधक नए नियम से काफी परेशान हैं, उनका कहना है कि पहले भी सीटें नहीं भर पाती थी कॉलेज चलाना उनके लिए बड़ी चुनौती हो गई है।


