कार्बेट पार्क के पास अतिक्रमण करने वालों पर 24 घंटे के अंदर एफआईआर हो: उत्तराखंड हाईकोर्ट
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कार्बेट पार्क से सटे सरकारी जमीन पर रिसाॅर्ट और होटल मालिकों द्वारा किये गये अवैध कब्जों को गंभीरता से लेते हुए सरकार को इनके खिलाफ 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कार्बेट पार्क (सीटीआर) से सटे सरकारी जमीन पर रिसाॅर्ट और होटल मालिकों द्वारा किये गये अवैध कब्जों को गंभीरता से लेते हुए सरकार को इनके खिलाफ 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज करने तथा उन्हें हटाने का बुधवार को आदेश दिया।
इसके साथ ही न्यायालय ने कार्बेट पार्क के आसपास स्थित अन्य सभी रिसाॅर्ट और होटलों को भी पक्षकार बनाने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिये हैं। न्यायालय ने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के आदेश सरकार को दिये हैं जिनके कार्यकाल के दौरान कब्जे किये गये हैं। न्यायालय के इस कदम से रिसाॅर्ट और होटल मालिकों में हड़कंप मच गया है।
न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की पीठ ने ये आदेश रामनगर की हिमायलन युवा ग्रामीण संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद जारी किये हैं। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कार्बेट पार्क के आसपास स्थित रिसाॅर्ट और होटल मालिकों ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है। इससे वन्य जीवों को खतरा उत्पन्न हो रहा है। खासकर एलीफेंट कोरिडोर बाधित हो रहा है। इसके अलावा कोसी नदी में भी प्रदूषण बढ़ रहा है।
इसके बाद न्यायालय ने मामले की जांच के लिये न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं की अगुवाई में एक हाईपावर कमेटी का गठन किया। कमेटी ने सभी रिसाॅर्ट और होटलों का मौका मुआयना किया और कुछ मामलों की जांच रिपोर्ट मंगलवार को न्यायालय को सौंपी जबकि कमेटी द्वारा कुछ मामलों की जांच रिपोर्ट बुधवार को न्यायालय में सौंपी गयी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सी के शर्मा ने बताया कि कमेटी द्वारा पेश रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया कि कुछ होटलों और रिसाॅर्ट ने सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं किया जबकि अधिकतर ने वन विभाग या फिर राजस्व विभाग की जमीन पर कब्जा जमाया है।
इसके बाद न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लिया और ऐसे होटल और रिसाॅर्ट मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये जिन्होंने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया है। न्यायालय के सख्त रूख के बाद कुछ होटल और रिसाॅर्ट स्वामियों ने अवैध कब्जा हटाने के लिये अपनी सहमति व्यक्त कर दी लेकिन कुछ होटलों तथा रिसाॅर्टों ने ऐसा करने से मना कर दिया।
न्यायालय में बुधवार को फिर सुनवाई हुई। कमेटी की ओर से आज फिर कुछ होटलों और रिसाॅर्टों के मामलों में सीलबंद रिपोर्ट सौंपी गयी। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को आदेश दिये हैं कि सरकार ऐसे होटल आैर रिसार्ट के खिलाफ 24 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज करे तथा ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाये जिनके कार्यकाल के दौरान अवैध कब्जे हुए हैं।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिये कि वह कार्बेट से सटे शेष बचे सभी रिसार्ट को भी पक्षकार बनाये। मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।


