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जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनका तुरंत बनाया जाए : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे और जिनके पास राशन कार्ड नहीं है

जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनका तुरंत बनाया जाए : योगी
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे और जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनका राशन कार्ड अवश्य बनाया जाए। लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि 2 महीने में जो भी नए राशन कार्ड बनने हैं, उनके राशन कार्ड जल्द से जल्द बनवाए जाएं और जिनके पास नहीं है, उनके भी तुरंत बने।

उन्होंने सख्त निर्देश दिए हैं कि जहां भी राशन बंट रहा है, वहां घटतौली की शिकायत नहीं आनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि कम्युनिटी किचन के माध्यम से हर जरूरतमंद को गुणवत्तापूर्ण और ताजा भोजन भरपेट उपलब्ध कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि 6 मेडिकल कॉलेज, आगरा, मेरठ, कानपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद और फिरोजाबाद मेडिकल कलेज बहुत संवेदनशील हैं। इन मेडिकल कलेजों में विशेष रूप से काम हुआ है।

अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने पर विशेष बल दिया देते हुए लक्ष्य दिया है कि 15000 की टेस्टिंग क्षमता इसी सप्ताह में हर हाल में होनी चाहिए। टेस्टिंग क्षमता 10000 से 15000 करने के लिए राज्य सरकार ने विशेष मशीनें भी मंगवाई हैं।

उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों और राजकीय केंद्रीय संस्थाओं में 22 अपनी प्रोगशालाओं में कार्य शुरू हुआ है। कुल मिलाकर 31 प्रयोगशालाओं में काम होना शुरू हुआ है।

अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार 12 नए टेस्टिंग लैब के लिए भी टेंडर अब मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा कर दिया गया है, जिससे कि उनको हर हालत में आगे बढ़ाया जा सके।

उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों को मजबूत करने के लिए 52 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, मेडिकल हॉस्पिटल में ही बनाए गए हैं, जिनकी क्षमता ढाई हजार बेड से अधिक है।

उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में लेवल-1 के 403 अस्पतालों में 72 हजार 934 बेड की व्यवस्था और लेवल-2 के 75 अस्पतालों में 16 हजार 212 बेड की व्यवस्था की गई है।

अवस्थी ने बताया कि चिकित्सक और अन्य मेडिकल स्टाफ की 13 प्रकार की विभिन्न ट्रेनिंग की गई है। इसके अतिरिक्त 28 हजार एनसीसी कैडेट्स को भी मेडिकल एजुकेशन विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है।

उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स और सेनेटाइजर आदि की पर्याप्त उपलब्धता है।


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