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कुत्तों का मल साफ नहीं करने वाले डीएनए टेस्ट से पकड़े जाएंगे

सड़क पर कुत्तों के मल की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन डीएनए टेस्ट के जरिये ऐसा करने वाले लोगों को पकड़ने के बारे में विचार कर रहा है. सिटी सेंटर में कुत्ते के मालिकों को अपने पेट का आनुवंशिक पासपोर्ट बनवाना होगा.

कुत्तों का मल साफ नहीं करने वाले डीएनए टेस्ट से पकड़े जाएंगे
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फ्रांस में जो लोग अपने कुत्तों का मल सड़कों से नहीं उठाते उनके लिए एक नगर प्रशासन ने अनोखा तरीका निकाला है. अब डीएनए के जरिये कुत्तों की पहचान कर उनके मालिकों को पकड़ा जायेगा. फ्रांस के दक्षिणी शहर बेजिये में प्रशासन सड़क पर कुत्तों के मल की समस्या से परेशान है. इससे निपटने के लिए प्रशासन बहुत गंभीर है. इसके लिए वह डीएनए टेस्ट के जरिये ऐसा करने वाले लोगों को पकड़ने की तैयारी कर रहा है.

कुत्ते का आनुवांशिक पासपोर्ट

एक नए अध्यादेश के मुताबिक, सिटी सेंटर में कुत्ते के मालिकों को अपने पेट का आनुवंशिक पासपोर्ट बनवाना होगा. फुटपाथ पर छोड़े गए मल का विश्लेषण किया जा सकता है और दोषी मालिक की पहचान की जा सकती है. शुरुआत में इस प्रक्रिया का दो साल तक परीक्षण किया जाएगा.

तीन महीने की छूट अवधि के बाद, आनुवंशिक पास के बिना अपने कुत्ते को घुमाने वाले किसी भी व्यक्ति को 38 यूरो का भुगतान करना होगा. जबकि कुत्ते का मल साफ नहीं करने पर 122 यूरो जुर्माना देना होगा. बेजिये के मेयर रॉबर्ट मेनार्ड ने फ्रांस इंफो को बताया, "मैं इस गंदगी को और बर्दाश्त नहीं कर सकता. हमने एक गणना की है. लोगों को उचित व्यवहार सिखाने के लिए प्रतिबंध लगाना होगा."

सड़कों पर कुत्तों का मल कितना खतरनाक!
मेनार्ड ने कहा कि नगर पालिका सभी कुत्ते मालिकों को अपने कुत्ते के लार का फ्री टेस्ट का ऑफर देगी. यह आनुवंशिक पासपोर्ट के लिए आवश्यक है. उन्होंने कहा कि यह पशु चिकित्सक के यहां भी किया जा सकता है.

दूसरे देशों में भी कुत्तों के मल की समस्या

कुत्तों के मलमूत्र से त्रस्त नगर पालिकाओं ने दूसरे देशों में भी ऐसे मालिकों की पहचान करने के लिए डीएनए टेस्ट पर भी विचार किया है जो इसका ध्यान नहीं रखते हैं. जर्मनी में बॉन के पश्चिम में वाइलरवेस्ट शहर ने पिछली गर्मियों में इसकी घोषणा की. शहर में सड़कों पर, खेल के मैदानों और पार्कों में कुत्तों का मल एक समस्या है.

कुत्ते हुआंते हैं तो कौन उनका जवाब देता है?

मगर ऐसी प्रक्रिया के लिए पहले एक कानूनी आधार बनाना होगा. शहर की एक प्रवक्ता के अनुसार, इसके लिए राज्य कुत्ता कानून में संशोधन की आवश्यकता होगी. हालांकि अब तक इस दिशा में कुछ खास कदम नहीं उठाए गये हैं.


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