जो सत्ता में हैं, जल्द विपक्ष में होंगे : सुखबीर
चंडीगढ़| हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को दो राजनीतिक सहयोगियों भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के बीच हुए वाकयुद्ध में दोनों ने एक दूसरे पर विश्वासघात के आरोप लगाए।

चंडीगढ़| हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को दो राजनीतिक सहयोगियों भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के बीच हुए वाकयुद्ध में दोनों ने एक दूसरे पर विश्वासघात के आरोप लगाए।
राज्य में 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। शिरोमणि अकाली दल व भारतीय जनता पार्टी दिल्ली और पंजाब में गठबंधन में हैं।
हरियाणा में प्रचार के दौरान शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने मीडिया से कहा, "जो सत्ता में हैं, वे जल्द विपक्ष में होंगे।"
उनका इशारा मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में हरियाणा की भाजपा सरकार की ओर था।
बादल पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक चुनावी बैठक में कहा, "अकाली दल हमारे पास चुनाव से पहले गठबंध के लिए आया। लेकिन, जैसे ही हमने उन्हें कहा कि सतलज यमुना लिंक (एसवाईएल) से हमारे हिस्से का पानी हमें दें, वे पीछे हट गए।"
उन्होंने कहा, "अगर वह पानी के बंटवारे के लिए मान गए होते, तो हम उने सद्भावना के तौर पर दो-तिहाई विधानसभा सीटें दे देते।"
राज्य भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच रिश्ते उस वक्त तनावपूर्ण हो गए जब बादल की पार्टी के अकेले विधायक बलकौर सिंह ने पार्टी बदल कर भाजपा को चुन लिया। अब वह कालांवाली से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा को बिना शर्त के समर्थन दिया था और उनके पार्टी नेतृत्व ने कहा था कि वह राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन बनाकर मैदान में उतरेंगे।
शिरोमणि अकाली दल अब अपने पूर्व सहयोगी इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है। राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से वह कालांवाली, रतिया और गुहला चीका से मैदान में है।
कालांवाली से भाजपा में रह चुके राजिंदर सिंह देसुजोधा, रतिया से कुलविंदर सिंह कुणाल और गुहला चीका से राजकुमार रावेजागीर शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव 21 अक्टूबर को होने हैं, जबकि 24 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।


