सभ्यता-संस्कृति से समझौता करने वालों को चिंतनशील होना चाहिए: धनखड़
कलकत्ता विश्वविद्यालय के आज दीक्षांत समारोह में भाग लेने में विफल रहने से नाराज पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि जिन लोगों ने यह अशोभनीय तमाशा शुरू किया

कोलकाता। कलकत्ता विश्वविद्यालय के आज दीक्षांत समारोह में भाग लेने में विफल रहने से नाराज पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि जिन लोगों ने यह अशोभनीय तमाशा शुरू किया है या जो इसके पीछे हैं, उन्हें राज्य के सुसंस्कृत लोग हमेशा याद रखेंगे।
धनखड़ ने ट्वीट कर कहा, “ दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिये बगैर कलकत्ता विश्वविद्यालय से बाहर निकलते हुए यह बात सबसे पहले दिमाग में आयी कि यह सुनिश्चित हो कि नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी के प्रति हम जिस सम्मान की बात कर रहे हैं, उससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए जिन्हें हम डी लिट की मानद उपाधि प्रदान कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने यह अशोभनीय तमाशा शुरू किया है या जो इसके पीछे हैं, उन्हें पश्चिम बंगाल के सुसंस्कृत लोग हमेशा याद रखेंगे।
राज्यपाल ने कहा, “ नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी और उनकी मां के साथ कुछ यादगार पल बिताये।
धनखड़ ने कहा, “ कलकत्ता विश्वविद्यालय में नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी के साथ मानद डी लिट (माननीय कारण) पर हस्ताक्षर के दौरान के क्षण।”
धनखड़ ने कहा कि सभ्यता-संस्कृति से समझौता करने वालों को चिंतनशील होना चाहिए। उन्होंने कहा,“ कुलपति ने कुलाधिपति होने के नाते मुझसे दीक्षांत समारोह का आयोजन जारी रखने की अनुमति मांगी। अभिजीत बनर्जी के प्रति मेरे सम्मान और कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर मैंने अनुमति दे दी।”
इससे पहले श्री धनखड़ ने कहा, “ कुलाधिपति के रूप में आज कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करूंगा। विश्वविद्यालय नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी को मानद डी लिट भी प्रदान करेगा। ”
गौरतलब है कि कलकत्ता विश्वविद्यालय के आंदोलनकारी छात्रों ने श्री धनखड़ की कार को घेरकर विरोध किया और उन्हें पुलिस सुरक्षा में सभागार के अंदर ले जाये जाने से पहले इंतजार करने के लिए मजबूर किया। छात्र ‘राज्यपाल वापस जाओ’ के नारे लगाते रहे जिसकेे कारण श्री धनखड़ को मंच पर नहीं ले जाया जा सका। ठीक इसी तरह कुछ दिन पहले जादवपुर विश्वविद्यालय में भी छात्रों ने राज्यपाल को दीक्षांत समारोह में भाग नहीं लेने दिया था।


