इस बार सबने मिलकर संसद में एक आदर्श प्रस्तुत किया: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र के कामकाज को सामाजिक विकास के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए सभी दलों के सांसदों का रविवार को आभार व्यक्त किया और कहा कि इस बार सबने मिलकर संसद में एक आदर्श प्रस्

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र के कामकाज को सामाजिक विकास के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए सभी दलों के सांसदों का रविवार को आभार व्यक्त किया और कहा कि इस बार सबने मिलकर संसद में एक आदर्श प्रस्तुत किया है।
पीएम मोदी ने आकाशवाणी से रविवार को प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि संसद का यह सत्र सामाजिक न्याय और युवाओं के कल्याण के सत्र के रूप में याद किया जाएगा। मानसून सत्र में युवाओं और पिछड़े समुदायों को लाभ पहुँचाने वाले कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये गये। इस सत्र में बलात्कार जैसे अपराधों को रोकने के लिए कठोर कानून बनाया गया।
उन्होंने इस सत्र में हुए कामकाज के लिए सभी सांसदों का आभार जताया और कहा “संसद की आजकल चर्चा जब होती है तो अक्सर रुकावट, हो-हल्ला और गतिरोध के विषय में ही होती है लेकिन यदि कुछ अच्छा होता है तो उसकी चर्चा इतनी नहीं होती। कुछ दिन पहले ही संसद का मानसून सत्र समाप्त हुआ है। आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि इस दौरान लोकसभा का प्रदर्शन 118 प्रतिशत और राज्यसभा का प्रदर्शन 74 प्रतिशत रहा। दलहित से ऊपर उठकर सभी सांसदों ने मानसून सत्र को अधिक से अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास किया और इसी का परिणाम है कि लोकसभा ने 21 विधेयक और राज्यसभा ने 14 विधेयक पारित किये। मैं देश के सभी सांसदों का सार्वजनिक रूप से हृदय पूर्वक आभार व्यक्त करता हूँ।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से अनुसूचित जाति तथा जन जाति आयोग की तरह अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने की माँग चली आ रही थी। पिछड़े वर्ग के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए देश ने इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने का संकल्प पूरा किया और उसको एक संवैधानिक अधिकार भी दिया। यह कदम सामाजिक न्याय के उद्देश्य को आगे ले जाने वाला सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि इस सत्र में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए संशोधन विधेयक को भी परित किया गया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह कानून अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के हितों को और अधिक सुरक्षित करेगा और साथ ही यह अपराधियों को अत्याचार करने से रोकेगा और दलित समुदायों में विश्वास पैदा करने वाला साबित होगा।


