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पूर्व शासन में होता रेरा तो न होती 27 हजार निवेशकों की ऐसी स्थिति

 नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के फैसले के बाद निवेशकों के होशफाख्ता है

पूर्व शासन में होता रेरा तो न होती 27 हजार निवेशकों की ऐसी स्थिति
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नोएडा। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के फैसले के बाद निवेशकों के होशफाख्ता है। इस स्थिति को रोका जा सकता था। निवेशकों का पैसा भी डूबने से बचाया जा सकता था। साथ ही परियोजनाओं का काम भी समय से पूरा होता। यदि रियल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन पहले ही कर दिया जाता। दरसअल, रेरा के तहत सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं का पंजीकरण करना होता। जिसे पूरा करने के लिए एक नियत समय भी बिल्डर को देना पड़ता। जिसे वह अब वर्तमान में दे रहे है।

एनसीएलटी के फैसले के बाद से करीब 27 हजार निवेशकों पर परेशानी के बादल मंडरा रहे है। उन्हें यह भी नहीं पता कि उन्हें मकान मिलेगा या नहीं। जेपी के खातों में जमा रकम उन्हें मिल भी पाएगी या नहीं। इसको लेकर शनिवार को उन्होंने जेपी के सेक्टर-128 स्थित सेल्स ऑफिस में भी धरना दिया। लेकिन जवाब वहीं घिसा पिटा मिला। ऐसे में बिल्डरों का विश्वास खो चुके निवेशक अपने को ठगा से महसूस कर रहे है। दरसअल, पूर्व शासन काल में ही यदि रेरा को लागू कर दिया जाता तो यह सभी नौबत नहीं आती।

बिल्डर को परियोजना का पंजीकरण कराने के साथ एक एस्क्रो खाता भी खोलना पड़ता। खाते में सिर्फ एक परियोजना का पैसा ही जमा किया जा सकता था। साथ ही उस परियोजना के पैसे किसी भी दूसरे परियोजना में नहीं लगा जा सकता। ऐसे में न तो निवेशकों का पैसा डूबने की कगार पर होता। साथ ही उन्हें मकान भी समय पर मिलते। वर्तमान समय में ही जेपी ने अकेले अपने आवासीय व वाणिज्यिक को मिलाकर कुल 24 परियोजनाओं का पंजीकरण रेरा के तहत कराया है। पंजीकरण में उसने सभी परियोजनाओं को ऑन गोइंग यानी निर्माण कार्य जारी दिखाया है। लिहाजा इनका कार्य समय पर पूरा नहीं करने पर बिल्डर पर रेरा कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी।

रेरा के तहत पंजीकरण कराने वाली परियोजना

जेपी ने रेरा में ग्रुप हाउसिंह व व्यवासयिक जिन परियोजनाओं का पंजीकरण कराया उसमें नोएडा सेक्टर-128, 129, 131, 133, 134 में कराए जा रहे काम शामिल है। जिन नामों से परियोजनाओं का रजिस्ट्रेशन हुआ है। उनमें जेपी ग्रीन क्यूब, क्लासिक कारपोरेट, क्लासिक डी, क्रीसेंट होम्स, आर्चड, अमन, कैसिस्लेस, कॉसमॉस, बमरैंग रेजिडेंस, क्रिस्टल, कासाब्लांका, नाइट कोर्ट, कॉसमॉस.सीए कॉसमॉस बी (फेज-2), क्लासिक, (फेस-2) पैविलयिन हाइट्स आर्केड, इम्पेरियल आर्केड, विश प्वाइंट, पैविलयिन कोर्ट एंड हाइट फेस-2, केनसिंगयन बुलेवर्ड अपार्टमेंट, कैलिप्सो कोर्ट (फेस-2), केनसिंगयन पार्क अपार्टमेंट के अलावा टाउन होम्स शामिल है।

मुख्यमंत्री के ट्विट से जगी उम्मीद

जेपी के निवेशकों की थोड़ी बहुत उम्मीद शनिवार को विधायक पंकज सिंह के टिव्यूट पर आए जवाब से जमी है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया निवेशकों को जल्द से जल्द मकान मिलेंगे। इसके लिए उन्होंने तीनों प्राधिकरण के सीईओ को भी बैठक के लिए बुलाया है। ऐसे में निवेशकों का कहना है कि उनके सर्ब का बांध टूट गया है। वह जल्द से जल्द या तो मकान चाहते है या फिर पैसा।


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