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ऐसा हो सकता है प्रस्तावित्त राम मंदिर का प्रारूप

राम मंदिर ट्रस्ट के नए अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि राम मंदिर का मॉडल वही रहेगा, लेकिन उसे और ऊंचा और चौड़ा करने के लिए प्रारूप में थोड़ा बदलाव किया जाएगा

ऐसा हो सकता है प्रस्तावित्त राम मंदिर का प्रारूप
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नई दिल्ली। राम मंदिर ट्रस्ट के नए अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि राम मंदिर का मॉडल वही रहेगा, लेकिन उसे और ऊंचा और चौड़ा करने के लिए प्रारूप में थोड़ा बदलाव किया जाएगा। प्रस्तावित मॉडल के अनुसार, 2.75 लाख घन मीटर भूभाग पर बनने वाला राम मंदिर दो मंजिल का होगा। इसकी लंबाई 270 मीटर, चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई 128 फीट होगी। 330 बीम और दोनों मंजिल पर 106-106, यानी कुल 212 खंभों वाले मंदिर में पांच दरवाजे होंगे। इसका निर्माण पांच हिस्सों- गर्भगृह, कौली, रंग मंडप, नृत्य मंडप और सिंह द्वार में किया जाना है। मंदिर के मुख्य द्वार का निर्माण मकराना के सफेद संगमरमर से होगा। गर्भगृह के ठीक ऊपर 16.3 फीट के प्रकोष्ठ का निर्माण होगा, जिस पर 65.3 फीट ऊंचे शिखर का निर्माण होगा।

राम मंदिर निर्माण के लिए बीते 25 वर्षो से तराशे जा रहे पत्थरों की शिल्पकारी का उपयोग किया जाएगा। साथ ही श्रीराम शिलाएं भी मंदिर में इस्तेमाल की जाएंगी। इन पत्थरों में अद्भुत कलाकारी की गई है। देशभर से पूजित होकर आईं श्रीराम शिलाएं मंदिर की शोभा बढ़ाएंगी। पिछले 25 वर्षों से तराशे जा रहे पत्थरों की अद्भुत शिल्पकारी और देशभर से पूजित होकर आई श्रीराम शिलाएं भी मंदिर की साज-सज्जा बढ़ाएंगी।

अयोध्या में जन्मभूमि पर श्रीराम लला का मंदिर गुजरात के वास्तुशिल्पी परिवार के वास्तुशिल्प विशेषज्ञ चंद्रकांत सोमपुरा के बनाए डिजाइन और मॉडल पर ही बनेगा। अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में 1989 से ही तराशे जा रहे शिल्पकला के अद्भुत नमूनों और पूरे देशभर से पूजित होकर यहां पहुंचीं श्रीराम शिलाओं का भी उपयोग मंदिर निर्माण में होगा।


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