दिल्ली हिंसा: पुलिस की कार्रवाई से लेकर किसान नेताओं की टिप्पणी तक पढ़े पूरी खबर...
कल देश ने अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनाया, ऐसा गणतंत्र दिवस अब जो शायद ही किसी के जहन से नहीं उतर सकता है
नई दिल्ली। कल देश ने अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनाया, ऐसा गणतंत्र दिवस अब जो शायद ही किसी के जहन से नहीं उतर सकता है। कल राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही सन्नाटा पसरा हुआ है। जहां कल आंसू गैस के गोले दागे गए थे और लाठीचार्ज किया गया था तो आज वहीं राजधानी की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है और भारी पुलिस बल तैनात है। दिल्ली पुलिस ने साफ कह दिया है कल जो हुआ वह आम जनता की जिंदगी को खतरे में डालने वाला था इसलिए सभी उपद्रवियों पर कानून कार्रवाई की जाएगी। जी हां अब सीसीटीवी फुटेज से पुलिस उपद्रवियों की पहचान करने में जुट गई है। अभी तक बताया जा रहा है कि दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अब तक कुल 22 केस दर्ज किए गए हैं और इन एफआईआर में कई किसान नेताओं का भी ज़िक्र है।
आज बुधवार को दिल्ली पुलिस ने इस मामले पर जानकारी दी है और बताया है कि सभी उपद्रवियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली पुलिस ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार पूरे दिन चले इस घटनाक्रम में 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। रैली के रूट से हटकर उग्र होकर लाल किले में पहुंचे सभी प्रदर्शनकारियों को किले से बाहर निकाल दिया गया है और पूरे किले में भारी फोर्स की तैनाती की गई है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि ज्यादातर मुकरबा चौक, गाज़ीपुर, आईटीओ, सीमापुरी, नांगलोई टी पॉइंट, टिकरी बॉर्डर और लाल किले पर हुई हिंसा के मामले 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और आठ बसों सहित 17 निजी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया है. गाज़ीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स भी तोड़े थे। दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली पुलिस के साथ कई बैठकें की थीं और आश्वासन दिया था कि प्रस्तावित योजना के तहत शांतिपूर्ण रैली निकाली जाएगी लेकिन सामने आईं तस्वीरें तो कुछ और ही है।
आज सुरक्षा व्यव्स्था को देखते हुए लाल किला मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वार बंद हैं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार लाल किला स्टेशन पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि टिकरी बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं। बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। इसके साथ ही आईटीओ के पास कल हुई हिंसा के बाद आज वहां पर भी सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भी पुलिसबल तैनात हैं। इसके अलावा इस पूरे किसान आंदोलन की मु्य जगह सिंघु बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां सुरक्षाबलों की तैनाती में किसान आंदोलन जारी है।
इस पूरे मामले पर किसान नेताों ने भी अपनी टिप्पणी की है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा जिसने भी लाल किले पर तिरंगा हटाकर किसानों का झंडा फहराया वो कौन आदमी था? एक कौम को बदनाम करने की साज़िश पिछले 2 महीने से चल रही है। कुछ लोग को चिंहित किया गया है उन्हें आज ही यहां से जाना होगा। जो आदमी हिंसा में पाया जाएगा उसे स्थान छोड़ना पड़ेगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। राकेश टिकैत ने साफ कहा है कि ये पूरी एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया है।
आपको बता दें कि आज बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से पहले किसान मजदूर संघर्ष कमेटी 11.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी।


