राज्यपाल, केंद्र सरकार से टकराव का यह समय नहीं: धनखड़
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि यह समय राज्यपाल अथवा केंद्र सरकार से टकराव का नहीं है बल्कि मौजूदा स्थिति से निपटने का रास्ता निकालने का वक्त

कोलकाता । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि यह समय राज्यपाल अथवा केंद्र सरकार से टकराव का नहीं है बल्कि मौजूदा स्थिति से निपटने का रास्ता निकालने का वक्त है।
धनखड़ ने अपने ट्वीट में कहा, “हमारी जनता की चिंता हमारा विषय होना चाहिए, ना कि टकराव।”
Our people must be our concern @MamataOfficial Focus on suffering not demagoguery.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) April 28, 2020
ICMT making studied headway catalyzing situation.
No time to sharpen knives against Governor or Central Government.
Real time look at the situation not bravado must for way forward. (1/2)
कोरोना प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने आयी केंद्रीय टीम के दौरे के संदर्भ में उन्होंने कहा , “ यह समय राज्यपाल अथवा केंद्र सरकार से टकराव का नहीं है। मौजूदा समय को देखते हुए आगे का मार्ग प्रशस्त किया जाना चाहिए।”
Appeal: Change stance @MamataOfficial from looking for alibis, scapegoats, exit or shifting burden to serving the people.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) April 28, 2020
We are in deep crisis-only real time earnest action in concert with Centre way out.
‘State within State’ approach - unconstitutional and inopportune. (2/2)
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोरोना वायरस के मामले पर कैबिनेट समिति का गठन किये जाने की घोषणा की और कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह राज्य सरकारों से परामर्श के बाद एक दीर्घकालिक, अल्पकालिक और मध्यावधि योजना तैयार करें। उन्होंने कहा, “ हम कोरोना वायरस मामले पर एक कैबिनेट समिति का गठन कर रहे हैं। इसमें मंत्री अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, चंद्रिमा भट्टाचार्य, फिरहाद हकीम और मुख्य सचिव, गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव शामिल होंगे । वे काेरोना से जुड़े मामलों को देखेंगे और मुझे रिपोर्ट करेंगे।”
सुश्री बनर्जी ने कहा, “ हम कोरोना वायरस को परास्त करना चाहते हैं और हर दिशानिर्देश का पालन करेंगे , लेकिन यह उचित ,पारदर्शी और बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के होना चाहिए। मेरे मुख्य सचिव और गृह सचिव केंद्रीय टीम के
रोज सुबह तीन घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं कर सकते। वे फिर काम कब करेंगे।” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा , “ हम कोटा से छात्रों को वापस ला रहे हैं और वृंदावन में फंसे लोगों की मदद कर रहे हैं। हम जितना कर सकते हैं उतना कर रहे हैं, लेकिन हमें धन की भी आवश्यकता है। अगर केंद्र सरकार सहायता नहीं करेगी, तो हमें धन कहां से मिलेगा?


