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ये क्रिकेट नहीं कबड्डी है, लोग कभी बोर नहीं होंगे : सुकेश हेगडे

 सबको पछाड़ते हुए वीवो प्रो-कबड्डी लीग में सीजन-5 में तेजी से आगे बढ़ रही नई नवेली गुजरात फार्च्यूनजायंट्स टीम के कप्तान सुकेश हेगड़े का कहना है कि भले ही कबड्डी का यह सीजन लंबा हो

ये क्रिकेट नहीं कबड्डी है, लोग कभी बोर नहीं होंगे : सुकेश हेगडे
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मुंबई। सबको पछाड़ते हुए वीवो प्रो-कबड्डी लीग में सीजन-5 में तेजी से आगे बढ़ रही नई नवेली गुजरात फार्च्यूनजायंट्स टीम के कप्तान सुकेश हेगड़े का कहना है कि भले ही कबड्डी का यह सीजन लंबा हो, लेकिन इसे चाहने वाले फिर भी इससे बोर नहीं होंगे, क्योंकि यह क्रिकेट नहीं कबड्डी है। साक्षात्कार में सुकेश ने कहा कि लीग के लंबे होने से इसकी लोकप्रियता को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि इसके मैच कम समय लेते हैं।

उल्लेखनीय है कि इस सीजन में चार नई टीमों के शामिल होने से लीग अब एक माह नहीं, बल्कि सवा तीन माह तक चलेगी। ऐसे में कबड्डी लीग की लोकप्रियता के कम होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर गुजरात के कप्तान ने कहा, "लोग इस खेल से कभी बोर नहीं होंगे, क्योंकि यह क्रिकेट की तरह नहीं है। सिर्फ दो घंटे में इसके दो मैच खत्म हो जाते हैं और यह पूरे साल नहीं खेला जाता। इसका सीमित समय है। जमीं से जुड़े इस खेल में हर भारतीय खुद को शामिल समझता है और इसीलिए यह लोगों के दिलों के करीब है।"

लीग में अब तक खेले गए 10 मैचों में गुजरात केवल एक मैच हारी है और उसे सात में जीत हासिल हुई है, वहीं उसके दो मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। एक अगस्त को दबंग दिल्ली को मात देकर गुजरात ने अपने अभियान की शुरूआत की थी। इसके बाद उसका एक मैच ड्रॉ रहा और एक मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा।

घरेलू मैदान अहमदाबाद में खेले गए छह मैचों में से पांच में गुजरात ने जीत हासिल की और एक मैच ड्रॉ रहा।इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुकेश ने कहा, "हमने अपने घरेलू मैदान पर खुद को मजबूत किया। हालांकि, हमने इस लीग की शुरूआत भले ही धीमी की थी, लेकिन अब हम मजबूत स्थिति में हैं। अपनी गलतियों से अब सबक लेते हुए आगे बढ़ रहे हैं। हमने अब हर टीम को पढ़ लिया है। टीम के खिलाड़ियों को इसमें अहम योगदान हैं, क्योंकि उन्होंने समय रहते हुए ही खुद को अच्छी स्थिति में ढाल लिया है।"

कई मैचों में गुजरात पहले हाफ में अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम से पिछड़ती हुई नजर आती है, लेकिन दूसरे हाफ में अच्छी वापसी करते हुए मैच अपने हाथ में लेकर पलटी मार देती है।

इस पर कप्तान ने कहा, "पहले हाफ में सामने वाली टीम के खेल को समझने की कोशिश करते हैं और उसके बाद उसी रणनीति के हिसाब से हम दूसरे हाफ में वापसी करते हैं। ऐसे में हम रेडिंग और डिफेंस में रणनीति को मजबूत करते हैं। हालांकि, इसमें हारने का खतरा अधिक होता है, लेकिन हम फिर भी जीत हासिल करते हैं।"

अन्य टीमों में से सबसे अधिक मजबूत टीम के पारे में पूछे जाने पर सुकेश ने कहा, "हमारे लिए पुनेरी पल्टन और पटना पाइरेट्स दोनों ही मजबूत टीम है। ये दोनों टीमें फाइनल में जा सकती हैं। हालांकि, अगर देखा जाए, तो किसी भी टीम की मजबूती मैच में नजर आती है। मैच के दौरान ही पता चलता है कि सामने वाली टीम आपसे मजबूत है या कमजोर।"

मैच के लिए टीम के चयन के बारे में सुकेश ने कहा कि पहले सात खिलाड़ियों को तो हमेशा हर टीम के लिए तैयार रखा जाता है। इसके बाद मैच के दौरान स्थिति को देखकर हम अन्य खिलाड़ियों को मैट पर उतारते हैं। हालांकि, अगर सेमीफाइनल तक की राह तय होती है, तो सेमीफाइनल मैचों में कप्तान अपने अनुभवी खिलाड़ियों को ही उतारेंगे, क्योंकि वह किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं ले सकते।

लीग के दौरान अनूप के संन्यास के बारे में कई चचार्एं चल रही थीं। जहां उन्हें संन्यास लेने की सलाह दी जा रही थी। इस पर सुकेश ने कहा, "वह काफी अनुभवी खिलाड़ी हैं। उनका अभी संन्यास ले लेना सही नहीं। कोई भी खिलाड़ी अच्छी फिटनेस रखते हुए लंबा खेल सकता है।"

सुकेश बेंगलुरू में विजया बैंक में काम करते हैं और बैंक की तरफ से कबड्डी के मैचों में भी शामिल होते हैं।

कबड्डी में आने के बारे में उन्होंने कहा कि साल 2013 में उन्होंने राष्ट्रीय टीम से खेला था और इसके बाद 2014 में एशियाई खेलों में मैं प्रशिक्षण शिविर में चुना गया और वहीं से अच्छे प्रदर्शन के दम पर लीग में उनका चयन हुआ।

सुकेश का कहना है कि इस लीग से ही उन्हें नई पहचान मिली, जहां इस नाम को कोई नहीं जानता था, वहीं अब बड़े तो बड़े, बच्चे भी उन्हें पहचानते हैं।


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