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थर्ड जेंडर, मानसिक रोगियों, कुष्ठ व एचआईवी पीड़ितों को मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

राज्य मंत्री परिषद की सोमवार को हुई  बैठक में मानसिक रोगी, कुष्ठ रोगी, एचआईवी पीड़ित और थर्ड जेंडर को सरकारी योजनाओं से जोड़ने बड़ा फैसला लिया गया है

थर्ड जेंडर, मानसिक रोगियों, कुष्ठ व एचआईवी पीड़ितों को मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ
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रायपुर। राज्य मंत्री परिषद की सोमवार को हुई बैठक में मानसिक रोगी, कुष्ठ रोगी, एचआईवी पीड़ित और थर्ड जेंडर को सरकारी योजनाओं से जोड़ने बड़ा फैसला लिया गया है।

इसके तहत छत्तीसगढ़ निराश्रितों एवं निर्धन व्यक्तियों की सहायता अधिनियम 1970 में संशोधन करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस अधिनियम के तहत इन वर्गों से जुड़े लोगों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। इनके लिये सभी तरह की सरकारी सुविधायें मुहैया कराई जा सकेंगी।

समाज कल्याण विभाग की ओर से इस आशय का प्रस्ताव आज कैबिनेट की बैठक में रखा गया था। इस संशोधन प्रस्ताव को विधेयक के रुप में विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जायेगा। पारित होने के बाद यह अधिनियम व्यापक स्वरुप में सामने आएगा। समाज कल्याण विभाग के सचिव सोनमणि वोरा ने केबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि इससे राज्य के हजारों विशेष जनसमूह को शासन की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जा सकेगा।

राज्य में करीब 27400 लोग एचआईवी एड्स रोग से पीड़ित हैं,जिसमें 1500 बच्चे भी शामिल हैं. अभी तक ये लोग सरकार की किसी भी योजना का लाभ लेने से वंचित रहते थे।,लेकिन संशोधन विधयेक पारित होने के बाद इन्हें गरीब और निराश्रितों के लिये संचालित सभी योजनाओं का सीधा फायदा मिलेगा। इसी तरह प्रदेश में 12800 लोग कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं ।

करीब 38000 लोग कुष्ठ रोग से स्वस्थ होकर समाज के बीच रह रहें है। ये सभी शासन की कल्याणकारी योजनाओं का फायदा लेने से वंचित रह जातें हैं। अब इन 50800 लोगों को सीधे शासन की सभी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जा सकेगा।

प्रदेश में थर्ड जेंडर समुदाय के लोगों की पंजीकृत संख्या 3000 से उपर है। अब तक इन्हें निराश्रित और गरीबों के लिये चलने वाली सभी कल्याणकारी योजनाओं से नहीं जोड़ा जा सका है। अब थर्ड जेंडर के लोगों को भी तमाम शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। प्रदेश में मानसिक रोगियों की संख्या हजारों में हैं।

जिनकी अधिकृत गणना समाज कल्याण विभाग के पास नहीं है. ऐसे रोगियों के लिये अभी प्रदेश में एकमात्र सरकारी अस्पताल है, मानसिक रोग से ठीक हुुए लोगों को भी समाज में उपेक्षा की दृष्टि से देखा जाता है. इसलिये समाज कल्याण विभाग मानसिक रोगियों और इससे रोग से स्वस्थ हुए लोगों के लिये भी चिकित्सा,पुनर्वास और सहायता की योजनाएं चलाना चाहता है।

अब संशोधित अधिनियम से मानसिक रोग से पीड़ित हजारों लोगों को सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सकेगा। इस प्रकार कैबिनेट के इस निर्णय से 81000 से ज्यादा लोगों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा, साथ ही हजारों मानसिक रोगी भी इस निर्णय से लाभान्वित होंगे।


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