मप्र में रोजगार के लिए नहीं होगा कोई परेशान
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण कामकाज पर पड़े असर से निपटने के लिए राज्य सरकार ने सभ्ीा को रोजगार मुहैया करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

भोपाल | मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण कामकाज पर पड़े असर से निपटने के लिए राज्य सरकार ने सभ्ीा को रोजगार मुहैया करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। एक तरफ जहां मनरेगा से काम दिलाया जा रहा है तो दूसरी ओर 'कोई नहीं रहेगा बेरोजगार, सभी को मिलेगा रोजगार ' योजना की शुरुआत करने जा रही है। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के कारण महानगरों में कारखानें बद होने और दीगर काम-धंधों के बंद होने के कारण अपने गांव व शहर को लौटे मजदूरों के लिए रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इन स्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने मनरेगा सहित अन्य योजनाओं पर अमल तेज कर दिया है ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव के मुताबिक प्रदेश में वर्तमान में 20 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा कायरे से रोजगार मिल रहा है। इसमें 17.5 हजार दिव्यांग भी जुड़े हैं। औसत तौर पर हर ग्राम पंचायत में लगभग 90 श्रमिक काम कर रहे हैं। पिछले साल मई माह में करीब 10 लाख श्रमिक ही मनरेगा कार्यों से जुड़े थे। इस वर्ष इनकी संख्या बढ़कर 20 लाख अर्थात दोगुनी हो गई है।
एक तरफ जहां ग्रामीण इलाकों में मनरेगा से काम दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों में भी योजनाओं का लाभ देने के प्रयास जारी है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीतेश व्यास के मुताबिक शहरी पथ विक्रताओं की कल्याण योजना सहित राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत हितग्राहियों को लाभान्वित करने, शहरी गरीबों को नि:शुल्क भोजन देने और मुख्यमंत्री जीवन शक्ति योजना को अमल में लाया जा रहा है।
इस विषम परिस्थिति में लोगों केा भोजन मिल सके इसके लिए दीनदयाल रसोई योजना जरुरत महसूस की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दीनदयाल रसोई योजना की उपयोगिता को देखते हुये आज की परिस्थितियों में इसे पुन: सुचारू रूप से संचालित करने की आवश्यकता है। सोशल डिस्टेसिंग के पालन के साथ गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने की इस अभिनव योजना को सामाजिक संस्था के सहयोग से पुराने स्वरूप में लौटाया जाए।
अपर मुख्य सचिव आई सी पी केशरी के मुताबिक अभी तक ट्रेन एवं बसों के माध्यम से कुल चार लाख 63 हजार मजदूर राज्य में लौटे हैं। अभी लगभग 50 हजार मजदूरों की वापसी संभावित है। बुधवार तक कुल 107 ट्रेनें मजदूरों को लेकर आई हैं तथा अभी तक 125 ट्रेनों की मांग रेलवे को भिजवायी गयी है।
मुंख्यमंत्री चौहान ने सभी प्रवासी मजदूरों का पंजीयन करने के निर्देश दिए हैं ताकि उनके जब कार्ड बनवाए जाकर उन्हें मनरेगा के अंतर्गत कार्य दिया जा सके। पंजीयन में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा कि मजदूर कुशल है, अकुशल है, अथवा अर्धकुशल है। ताकि उनकों विभिन्न उद्योगों एवं अन्य कार्यों में नियोजित किया जा सके। हर मजदूर को उसकी योग्यता के अनुरूप कार्य दिया जाएगा।
राज्य सरकार कोई नहीं रहेगा बेरोजगार, सभी को मिलेगा रोजगार योजना की शुरुआत करने जा रही है। इसके तहत शुक्रवार 22 मई को मुख्यमंत्री चौहान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सरपंचों से संवाद करेंगे। इस मौके पर श्रमिक भी उपस्थित रहेंगे जिन्हें मनरेगा के लिए जब कार्ड का वितरण


