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उत्तर प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का होगा कायाकल्प

 उत्तर प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की सूरत बदलने के लिए प्रदेश सरकार कायाकल्प अभियान चलाने जा रही है

उत्तर प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का होगा कायाकल्प
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की सूरत बदलने के लिए प्रदेश सरकार कायाकल्प अभियान चलाने जा रही है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं में इजाफा होगा और सहूलियतें बढ़ेगी। ये कोशिश की जाएगी कि गाँव से छोटी बीमारी के लिए कोई भी शहर के अस्पताल न आये, उसे वहीं सारा इलाज मिले।

कोरोना काल में हर अस्पताल पर बोझ बढ़ गया था। गांव में भी स्वास्थ्य केंद्रों की हालात दयनीय रही। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों की सीएचसी और पीएचसी में उपकरणों की मरम्मत, क्रियाशीलता, परिसर की रंगाई-पुताई, स्वच्छता और मैन पावर की पर्याप्त उपलब्धता के संबंध में विशेष कारवाई की जाए । इस पूरी प्रक्रिया को तेज किए जाने के आदेश भी सीएम ने आला अधिकारियों को दिए हैं। इसके लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जो इसकी सतत मॉनीटरिंग करेगी।

राज्य सरकार के अनुसार प्रदेश में 3011 पीएचसी , 592 अर्बन पीएचसी और 855 सीएचसी हैं, जिनका कायाकल्प योगी सरकार कराने जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग में ऑपरेशन कायाकल्प की तर्ज पर स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन विभाग में भी अभियान चला कर व्यवस्था सु²ढ़ की जाएगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में सीएचसी पीएचसी का सौंदर्यीकरण ऑपरेशन कायाकल्प की तर्ज पर किया जाए।

स्वास्थ्य महानिदेशक डीएस नेगी ने बताया कि प्रदेश में तीसरी लहर को लेकर सरकार द्वारा ठोस कदम उचित समय पर उठाए जा रहे हैं। प्रदेश की जनता को तीसरी लहर के संक्रमण से बचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है जिसके लिए मुख्यमंत्री स्वयं अभी से जमीनी स्तर पर डटे हुए हैं। महानिदेशक ने कहा कि प्रदेश में तीसरी लहर की संभावना को देखते हुएहर स्तर पर तैयारियों को तेज कर दिया गया है। सभी जनपदों की सीएचसी और पीएचसी में बच्चों को तुरंत इलाज मिल सकेगा। शासन ने दवा और उपकरणों की सूची तैयार कर ली है।

विश्व में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग जून के पहले सप्ताह प्रशिक्षण कार्यक्रम को शुरू करेगा। केजीएमयू और पीजीआई के एक्सपर्ट डॉक्टर्स प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर को विशेष प्रशिक्षण देंगे।


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