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नई शराब नीति में होंगे बड़े बदलाव, साथ में बढ़ेगी ये चुनौती
मध्यप्रदेश में अब शराब दुकानों पर बैठकर शराब नहीं पी सकेंगे। मतलब दुकानों से शराब की बिक्री तो होगी

गजेन्द्र इंगले
भोपाल: मध्यप्रदेश में अब शराब दुकानों पर बैठकर शराब नहीं पी सकेंगे। मतलब दुकानों से शराब की बिक्री तो होगी, लेकिन वहां अहाते में अभी की तरह बैठकर पीने की अनुमति नहीं दी जाएगी। शारब पीने के लिए बनाये गए आहाते या शॉप बार बन्द कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही नई शराब नीति में और भी कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। इन बदलावों से एक और व्यवस्था में सुधार की अपेक्षा है तो दूसरी ओर नई चुनोतियाँ भी सामने आएंगी।
रविवार को हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक में शराब नीति में कई बदलाव का निर्णय लिया गया। बैठक में नई शराब नीति पर चर्चा की गई। इसमें अहम फैसले भी लिए गए। बैठक में तय किया गया कि अब धार्मिक और शैक्षणिक संस्थाओं, गर्ल्स स्कूल, गर्ल्स कॉलेज, हॉस्टल से शराब दुकान की दूरी 100 मीटर करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। पहले यह दूरी 50 मीटर थी।
मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के शराब के खिलाफ लंबे समय से अभियान छेड़ रखा है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय को उमा भारती की शराबबंदी का असर माना जा रहा है। अब यदि यह नियम लागू होता है हर शहर में हर ज़हराब दुकान के आस पास एक बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी। अभी के हालात में ही सैंकड़ों लोग प्रति दिन हर दुकान के आस पास सार्वजनिक जगह पर शराब पीते हैं। अब ऐसे मामलों की संख्या बढ़ने की आशंका है। हालांकि नई नीति में कार में बैठकर शराब पीने पर लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है। फिर भी सार्वजनिक स्थलों पर खुले में शराब बाजी रोकना आसान नहीं होगा।
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