Top
Begin typing your search above and press return to search.

एलओसी पर घमासान होगा अब क्योंकि दोनों ओर से तैयारी है

पाकिस्तान से सटी 814 किमी लंबी एलओसी पर दोनों ओर से जबरदस्त घमासान किसी भी समय शुरू हो जाने की आशंका इसलिए

एलओसी पर घमासान होगा अब क्योंकि दोनों ओर से तैयारी है
X

--सुरेश एस डुग्गर--

जम्मू। पाकिस्तान से सटी 814 किमी लंबी एलओसी पर दोनों ओर से जबरदस्त घमासान किसी भी समय शुरू हो जाने की आशंका इसलिए है क्योंकि भारतीय सेना ने अपने फील्ड कमांडरों को पाक सेना द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन का मुहंतोड़ जवाब देने की खातिर अपने स्तर पर निर्णय लेने को कहा है। इसमें सेनाध्यक्ष विपीन रावत का वह वक्तव्य भी तड़का लगा रहा है जिसमें वे कहते थे कि एलओसी पर किसी भी समय हालात बिगड़ सकते हैं। नतीजतन एलओसी के इलाकों में रहने वाले लाखों सीमावासियों में दहशत का माहौल है।

संघर्ष विराम उल्लंघन और बैट हमले का पाकिस्तान को अब और भी अधिक मुस्तैदी से जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तानी सेना द्वारा राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर में बैट हमले और नियंत्रण रेखा के साथ सटे इलाकों में लगातार किए जा रहे जंगबंदी के उल्लंघन के मद्देनजर सैन्य प्रशासन ने सभी फील्ड कमांडरों को तत्कालिक परिस्थितियों के आधार पर दुश्मन को मुहंतोड़ जवाब देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सभी अग्रिम इलाकों में घुसपैठ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने व नाके स्थापित करने के लिए कहा है।

पाकिस्तानी सेना द्वारा बीते एक माह में जम्मू संभाग के पुंछ व राजौरी में हर तीसरे दिन एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी की जा रही है। उत्तरी कश्मीर में बीते तीन माह के दौरान औसतन हर सप्ताह एक बार गोलाबारी हो रही है। गत रोज भी पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ व राजौरी के अलावा उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर में जंगबंदी का उल्लंघन किया है। इसमें गुरेज सेक्टर में एक जवान शहीद हुआ।

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि सैन्य प्रशासन और रक्षा मंत्रालय लगातार एलओसी की स्थिति की निगरानी कर रहा है। पाकिस्तानी सेना द्वारा बैट हमले और जंगबंदी का उल्लंघन लगातार करने के इनपुट हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना का इस समय पूरा ध्यान एलओसी पर किसी तरह की जंग की स्थिति को पैदा करते हुए स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों को जम्मू कश्मीर में धकेलने पर है।

उन्होंने बताया कि इन दिनों सीमावर्ती इलाकों में लगातार धुंध पड़ रही है। इसके अलावा सीमावर्ती नाले जमे हुए हैं या फिर उनमें पानी का बहाव बहुत कम है। इसका फायदा पाकिस्तानी सेना घुसपैठ के लिए लेना चाहती है।

सुंदरबनी सेक्टर में सभी फील्ड कमांडरों को बैट हमलों को पूरी तरह नाकाम बनाने की रणनीति के साथ ही आतंकरोधी व घुसपैठरोधी तंत्र की समीक्षा कर उसमें व्यापक सुधार करने के लिए कहा है। उन्हें दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देते हुए तत्काली प्रभावी जवाबी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। आतंकियों के पुराने गाइडों की निशानदेही की जाए। स्थानीय लोग उनकी गतिविधियों की सूचना स्थानीय चौकियों को दें। सभी फील्ड कमांडरों को उन चौकियों व इलाकों को चिन्हित करने के लिए कहा गया है, जहां से पाकिस्तानी सेना सबसे ज्यादा गोलाबारी व घुसपैठ के लिए इस्तेमाल कर रही है। इसके आधार पर जवाबी कार्रवाई को अमल में लाने के लिए कहा गया है।

उन्होंने बताया कि सभी फील्ड कमांडरों, कंपनी कमांडरों व चौकी प्रभारियों के अलावा गश्ती दल व नाका पार्टियों का नेतृत्व करने वालों को अपनी ड्रिल की समीक्षा करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा व एलओसी पर स्थित उन ग्रे एरिया को चिन्हित करने के लिए कहा गया है, जहां पर बैट हमले की आशंका हो सकती है।

सभी नाका पार्टियों और गश्ती दलों में शामिल जवानों व अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह अग्रिम इलाकों, जंगल व नालों में गश्त अथवा नाके के समय अपने साथी से ज्यादा दूर न रहें। एसओपी का पूरा ध्यान रखें। गश्ती दलों और नाका पार्टियों व संतरी पोस्टों में तैनात जवान ड्यूटी के समय मोबाइल व हैडफोन से दूर रहें। कमांडरों को कहा गया है कि वह गश्ती दलों और नाका पार्टियों में पूरी ड्रिल के बाद ही जवानों को शामिल करें। उन्हें हालात व संबंधित क्षेत्र की स्थिति के बारे मे लगातार ब्रीफ करें।

सूत्रों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर वॉच टॉवरों, निगरानी चौकियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। अग्रिम इलाकों में घुसपैठ व बैट हमलों को रोकनेे के लिए अंतररष्ट्रीय सीमा व एलओसी पर लगाए गए थर्मल इमेजर, सेंसर में सुधार किया जा रहा है ताकि वह किसी भी मौसम में पूरी तरह क्रियाशील रहें।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it