जोजिला टनल का नाम बदलकर सम्राट ललितादित्य करने की उठी मांग
लद्दाख में महत्वाकांक्षी जोजिला टनल पर काम शुरू होने के तीन महीने बाद पुणे के एक गैर सरकारी संगठन ने इस सुरंग को सम्राट ललितादित्य का नाम देने की मांग की है

पुणे। लद्दाख में महत्वाकांक्षी जोजिला टनल पर काम शुरू होने के तीन महीने बाद पुणे के एक गैर सरकारी संगठन ने इस सुरंग को सम्राट ललितादित्य का नाम देने की मांग की है। ललितादित्य आठवीं शताब्दी में लद्दाख क्षेत्र के एक महान शासक रहे हैं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लिखे पत्र में एनजीओ सरहद ने कहा है कि सम्राट ललितादित्य के नाम पर इस सुरंग का नामकरण किया जाना उनके प्रति एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी क्योंकि उन्होंने ही पहले तिब्बती सेनाओं को पराजित कर लद्दाख क्षेत्र को तत्कालीन कश्मीर राज्य के साथ जोड़ने का मार्ग प्रशस्त किया था।
साल 2013 में यूपीए सरकार द्वारा स्वीकृत इस परियोजना की आधारशिला मोदी ने साल 2018 में रखी, जबकि अक्टूबर, 2020 में गडकरी ने इसका निर्माण कार्य शुरू करने के लिए वर्चुअली पहले विस्फोट प्रक्रिया का शुभारंभ किया। इस सुरंग की लंबाई 14.20 किलोमीटर है। यह सुरंग सिंगल ट्यूब फोर लेन वाली है, जो बालटल को मिनमर्ग से जोड़ती है।
सरहद के संस्थापक-अध्यक्ष संजय नाहर ने आईएएनएस को बताया, "लद्दाख और कश्मीर के लोग भी सम्राट ललितादित्य की स्मृति में 'जोजिला सुरंग का नाम दिए जाने की मांग का समर्थन कर रहे हैं।"
इस महान शासक के ऐतिहासिक पहलुओं के बारे में बात करते हुए नाहर ने आगे कहा, "12 सदी से भी अधिक समय पहले ही सम्राट ललितादित्य ने जोजिला दर्रे के रणनीतिक महत्व का अनुभव किया था, जिसके माध्यम से तिब्बत ने अन्य देशों के साथ अपने व्यापार को समृद्ध बनाया। उन्होंने इस महत्वपूर्ण पर्वत दर्रे को शत्रुओं के अतिक्रमण से बचाकर रखा।"


