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गठबंधन में 'सांकेतिक' नहीं 'अनुपातिक' भागीदारी होनी चाहिए : नीतीश

जनता दल के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राजग की केंद्र सरकार में सांकेतिक भागीदारी का प्रस्ताव नामंजूर करने के बाद यहां शुक्रवार को कहा कि गठबंधन में सांकेतिक नहीं, अनुपातिक भागीदारी होनी चाहिए

गठबंधन में सांकेतिक नहीं अनुपातिक भागीदारी होनी चाहिए : नीतीश
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पटना। जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की केंद्र सरकार में सांकेतिक भागीदारी का प्रस्ताव नामंजूर करने के बाद यहां शुक्रवार को कहा कि गठबंधन में सांकेतिक नहीं, अनुपातिक भागीदारी होनी चाहिए।

दिल्ली से पटना लौटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी में सबकी राय है कि केंद्र सरकार में सांकेतिक भागीदारी नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा कि बिहार में भी गठबंधन की पहले भी और आज भी सरकार चल रही है। पहले ही सभी कुछ यहां तक कि मंत्रालय भी तय हो जाते हैं।

नीतीश ने कहा, "भाजपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त है। अमित शाह के बुलाने पर मैं उनसे मिलने दिल्ली गया था। शाह ने कहा कि हम राजग के घटक दलों को एक-एक मंत्री पद दे रहे हैं। इस पर मैंने कहा कि मंत्रिमंडल में सांकेतिक प्रतिनिधित्व की जरूरत नहीं है। बाद में जद (यू) के सभी सांसदों ने इस पर सहमति जताई।"

उन्होंने आगे कहा, "जद (यू) के लोकसभा में 16 सांसद और राज्यसभा में छह सांसद हैं। पार्टी नेताओं का भी कहना है कि हमें सिम्बॉलिक रिप्रेजेंटेशन (सांकेतिक भागीदारी) की जरूरत नहीं। गठबंधन में होने के नाते जद (यू) भाजपा के साथ खड़ी है।"

नीतीश ने मंत्रिमंडल बंटवारे पर नाराजगी जताते हुए कहा, "पार्टियों को अनुपात के हिसाब से मंत्रिमंडल में भागीदारी मिलनी चाहिए। सिम्बॉलिक रिप्रेजेंटेशन की जरूरत नहीं है।"

उन्होंने हालांकि, भाजपा से किसी भी नाराजगी को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि "बिहार में हम साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं।" उन्होंने कहा कि 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर इसका कोई असर नहीं होगा।

भविष्य में शामिल होने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसकी अब जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जो होता है, वह शुरू में ही होता है। बाद में होने की जरूरत नहीं।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को जद (यू) के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा चल रही थी। हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह के पहले जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पार्टी के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने की घोषणा करते हुए कहा था कि मोदीनीत मंत्रालय में शामिल होने के लिए भाजपा की पेशकश 'प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व' है, जो जद (यू) को स्वीकार नहीं है।


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