Top
Begin typing your search above and press return to search.

विधेयकों पर राज्यपाल के फैसला लेने की समय सीमा तय हो : अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम देश को बताएं कि यह देश केंद्र सरकार और उसके प्रतिनिधियों से नहीं, बल्कि कानून के शासन से शासित है

विधेयकों पर राज्यपाल के फैसला लेने की समय सीमा तय हो : अरविंद केजरीवाल
X

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम देश को बताएं कि यह देश केंद्र सरकार और उसके प्रतिनिधियों से नहीं, बल्कि कानून के शासन से शासित है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है कि गैर भाजपा शासित राज्यों के राज्यपाल और उपराज्यपाल संविधान के संघीय ढांचे की धज्जियां उड़ा रहे हैं और जानबूझ कर विधेयक को लंबित किया जा रहा है। केजरीवाल ने तमिलनाडु विधानसभा में इसी तरह की मांग का प्रस्ताव परित करने पर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को पत्र लिखकर बधाई दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को उन्हें पत्र लिखकर कहा है कि आगामी सत्र में दिल्ली विधानसभा भी ऐसा ही प्रस्ताव पारित करेगी, जिसमें राष्ट्रपति और केंद्र सरकार से राज्य विधायिकाओं से पारित विधेयकों पर फैसले लेने की समय सीमा तय करने की मांग की जाएगी।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन को लिखे पत्र में कहा है कि यह सर्वविदित है कि भारत में लोकतंत्र पर रोजाना हमला हो रहा है। हमारे संविधान में दिए गए स्वतंत्रता, समानता, धर्मनिरपेक्षता और बंधुत्व समेत हर सिद्धांत से समझौता किया जा रहा है। नि:संदेह हमारा संघीय ढांचा देश के सबसे दूरस्थ कोने में बैठे लोगों को मताधिकार देता है, जो ताकतें संविधान में दी गई शक्तियों को अवैध रूप से केंद्रीकृत करना चाहती हैं, उनसे हमारे संघीय ढांचे को भी गंभीर खतरा है।

उन्होंने पत्र में कहा है कि हमारे संघीय ढांचे और भारत के संविधान में केंद्र व राज्य सरकारों की स्पष्ट रूप से निर्धारित भूमिकाएं और जिम्मेदारियां तय हैं। जब हमने औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी, तब विखंडन की तमाम आशंकाओं के बावजूद राष्ट्र और समाज एकजुट बना रहा। यह निराशाजनक है कि इस समय इन सिद्धांतों और नीतियों पर लगातार हमले हो रहे हैं। गैर भाजपा शासित राज्यों के राज्यपाल/उपराज्यपाल विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों या दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) द्वारा भेजी गई फाइलों को अनिश्चित समय के लिए रोक रहे हैं। यह न केवल संविधान का उल्लंघन है, बल्कि जनता के जनादेश का भी अपमान है, जो किसी भी लोकतंत्र में सर्वोच्च होता है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एलजी ने दिल्ली के बजट को पेश करने से रोका और लगातार कामकाज में बाधा पहुंचा रहे हैं। जीएनसीटीडी एक्ट में संशोधन की आड़ में उपराज्यपाल हर क्षेत्र के कामकाज में बाधा डाल रहे हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it