इस बजट में कुछ नहीं है, सिर्फ झूठे वादे: कमलनाथ
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ ने केंद्र सरकार के बजट को निराशाजनक बताया है

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ ने केंद्र सरकार के बजट को निराशाजनक बताया है। कमलनाथ ने केंद्र सरकार के आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि, "कोरोना की महामारी के भीषण संकट काल के समय आज आये देश के इस आम बजट से देशवासियों को काफी उम्मीदे थीं, लेकिन इस बजट से आमजन को भारी निराशा हुई है।"
उन्होंने आगे कहा, "कोरोना महामारी में ध्वस्त अर्थव्यवस्था को देखते हुए आमजन को राहत देने के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। देश का सबसे बड़ा वर्ग किसान वर्ग जो अपने हक को लेकर सड़कों पर पिछले दो माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहा है। उसके लिए इस बजट में कुछ नहीं है, सिर्फ झूठे वादे, वर्षों पुराना आय दोगुनी का एक बार फिर वादा, एक तरफ नये कृषि कानूनों से मंडी व्यवस्था को खत्म करने का काम और आज बजट में मंडी व्यवस्था को मजबूत करने का झूठा वादा, झूठे वादों से गुमराह करने का काम है।"
कोरोना की महामारी के भीषण संकट काल के समय आज आये देश के इस आम बजट से देशवासियों को काफी उम्मीदे थी लेकिन इस बजट से आमजन को भारी निराशा हुई है।
कोरोना महामारी में ध्वस्त अर्थव्यवस्था को देखते हुए आमजन को राहत देने के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है,
पूर्व मुख्यमंत्री ने कोरोना के कारण रोजगार पर गहराए संकट का जिक्र करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के बाद बड़ी संख्या में युवा वर्ग को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है और युवा वर्ग के रोजगार को लेकर इस बजट में कुछ नहीं है।
कमलनाथ ने आरोप लगाया की, "कई वर्षो पुरानी घोषणाओं को इस बजट में एक बार फिर दोहराने का काम किया गया है। जो लोग कहते थे कि देश नहीं बिकने दूंगा, उनका आज नारा है सब चीज बेच दूंगा, यह इस बजट में भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है।"
देश का सबसे बड़ा वर्ग किसान वर्ग जो अपने हक को लेकर सड़कों पर पिछले 2 माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहा है , उसके लिए इस बजट में कुछ नहीं है , सिर्फ़ झूठे वादे , वर्षों पुराना आय दोगुनी का एक बार फिर वादा , एक तरफ़ नये कृषि क़ानूनों से मंडी व्यवस्था को ख़त्म करने का काम और
इस बजट में गरीब और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी ना होने का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा, "गरीब मध्यमवर्गीय के लिये इस बजट में कुछ नहीं है। आयकर में छूट की उम्मीद थी, लेकिन छूट नहीं बढ़ायी गयी। यह बजट महंगाई बढ़ाने वाला बजट है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को देखते हुए इस बजट में कोरोना के हालात के बीच में भारी राहत की जनता को उम्मीद थी, लेकिन जनता एक बार फिर ठगी गयी है।"
आज बजट में मंडी व्यवस्था को मज़बूत करने का झूठा वादा , झूठे वादों से गुमराह करने का काम ?
कोरना महामारी के बाद बड़ी संख्या में युवा वर्ग को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है , युवा वर्ग के रोजगार को लेकर इस बजट में कुछ नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आत्मनिर्भरता के नारे पर भी तंज कसते हुए कहा, "मेक इन इंडिया डिजिटल इंडिया के पुराने नारों की तरह अब आत्मनिर्भर के नए नारे के साथ आंकड़ों की हेराफेरी कर देश की जनता को गुमराह करने का काम इस बजट में किया गया है।"
कई वर्षों पुरानी घोषणाओं को इस बजट में एक बार फिर दोहराने का काम किया गया है।
जो लोग कहते थे कि देश नहीं बिकने दूंगा , उनका आज नारा है सब चीज़ बेच दूँगा , यह इस बजट से भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है।
गरीब-मध्यमवर्गीय के लिये इस बजट में कुछ नहीं है,
"जो लोग एफडीआई का विरोध करते थे वो आज एफडीआई को हर क्षेत्र में लागू कर रहे हैं। यह बजट पूरी तरह से आमजन विरोधी व निराशाजनक है।"


