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वैभव के खिलाफ ईडी के मामले में कोई दम नहीं, लोग समझ गए हैं यह राजनीतिक लाभ के लिए किया गया है : अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को फेमा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके बेटे वैभव गहलोत से पूछताछ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले में कोई दम नहीं है

वैभव के खिलाफ ईडी के मामले में कोई दम नहीं, लोग समझ गए हैं यह राजनीतिक लाभ के लिए किया गया है : अशोक गहलोत
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नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को फेमा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके बेटे वैभव गहलोत से पूछताछ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले में कोई दम नहीं है और जांच एजेंसी भाजपा को फायदा पहुंचाने की नीयत से उसके राजनीतिक खेल के तहत यह कार्रवाई कर रही है।

मुख्यमंत्री ने यहां पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के लिए बाकी उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक से बाहर आने के बाद यह टिप्पणी की।

मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "उन्हें ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था और वह पेश हुए। उन्होंने (वैभव गहलोत) सभी सवालों के जवाब दिए होंगे। क्‍या जवाब दिया, मुझे नहीं पता।"

उन्होंने आगे कहा कि उनके बेटे ने चुनाव के बाद उन्हें बुलाने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया और "मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता।"

गहलोत ने कहा, "कानून व्यवस्था को अपना काम करने दें। नोटिस में कोई तथ्य नहीं है, यह एक साधारण नोटिस है। घर की तलाशी राजनीतिक संदेश देने के लिए की गई कि देखो, मुख्यमंत्री के बेटे से पूछताछ की जा रही है।"

उन्होंने कहा कि अब जनता में यह संदेश गया है कि वैभव को 12 साल पुराने मामले में बुलाया गया है, वह भी ठीक चुनाव के समय। लोगों को बात समझ में आ रही है।

“वास्तव में कोई मामला नहीं था… वे हमारे प्रदेश अध्यक्ष (गोविंद सिंह डोटासरा) के घर भी तलाशी के लिए गए, लेकिन पेपर लीक मामले में पूरे दिन उनसे कोई पूछताछ नहीं की।

गहलोत ने कहा, "ईडी भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचाने में व्यस्त है। लेकिन यह राजस्थान में भाजपा के लिए उल्टा पड़ेगा। चाहे वह राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो या कोई अन्य राज्य जहां ईडी केंद्र के मंत्रियों के निर्देश पर छापेमारी कर रही है। यहां तक कि कर्नाटक में भी राज्य इकाई के प्रमुख डी.के. शिवकुमार के घर की 22 से अधिक बार छापेमारी की गई, लेकिन उन्‍हें कोई फायदा नहीं मिला। चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी यही होगा।''

गहलोत ने यह भी कहा कि अब ऐसी तलाशी और छापों की कोई विश्‍वसनीयता नहीं रह गई है। उन्होंने कहा, "अब लोगों को एहसास हो गया है कि ये तलाशी केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए है... विपक्षी नेताओं के खिलाफ ऐसी छापेमारी और कार्रवाई क्यों होती है? अब वे जितना अधिक विपक्षी नेताओं को निशाना बनाएंगे, उतना ही हमें फायदा होगा।"

उन्होंने कहा, "यह बीजेपी का राजनीतिक खेल है...इतने छापे पड़े हैं कि अब उन छापों का कोई असर नहीं है।"

उनकी यह टिप्पणी ईडी द्वारा उनके बेटे से फेमा मामले में आठ घंटे से अधिक समय तक की गई पूछताछ के बाद आई है। वैभव गहलोत को ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) मामले में तलब किया था और शुक्रवार को उसके सामने पेश होने के लिए कहा था।


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