‘कश्मीर में सैन्य अभियान और वार्ताकार की नियुक्ति में विरोधाभास नहीं ’
उच्च पदस्थ रक्षा सूत्रों ने आज यहां कहा कि सेना जम्मू- कश्मीर में अशांति फैलाने वाले तथा आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ अपना अभियान बदस्तूर जारी रखेगी

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने वालों और आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सेना के अभियान तथा स्थिति सामान्य बनाने के उद्देश्य से बातचीत के लिए केन्द्र की ओर से विशेष प्रतिनिधि की नियुक्ति में किसी तरह का विरोधाभास नहीं देखा जाना चाहिए।
उच्च पदस्थ रक्षा सूत्रों ने आज यहां कहा कि सेना जम्मू- कश्मीर में अशांति फैलाने वाले तथा आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ अपना अभियान बदस्तूर जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि सेना का काम स्थिति तथा हालात को शांत बनाये रखना है और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई उसके कार्यक्षेत्र में आता है।
वह इस तरह की कार्रवाई जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में वार्ता प्रक्रिया शुरू करना और इसके लिए वार्ताकार की नियुक्ति एक अलग मामला है और इसे सेना की कार्रवाई से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी तरह का विरोधाभास नहीं है और न ही इस मामले को इस दृष्टि से देखा जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र ने हाल ही में घाटी में वार्ता प्रक्रिया शुरू करने के लिए श्री दिनेश्वर शर्मा को विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया है और कहा है कि वह राज्य में सभी के साथ बातचीत करने के लिए स्वतंत्र हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक का निर्णय सरकार की आतंकवादियों को करारा जवाब देने की इच्छाशक्ति को दर्शाता है।
सरकार को सैन्यकर्मियों पर आतंकवादियों के हमले का जवाब देने की जनभावना का भी ख्याल रखना होता है।


