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अभी नहीं टला है आंधी-तूफान का खतरा

 तेज आँधी-तूफान से पिछले दिनों देश के उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी हिस्सों में हुये जानमाल के भारी नुकसान को देखते हुये मौसम विभाग ने कम से कम 24 घंटे पहले इसकी चेतावनी जारी करने की प्रणाली विकसित करने की

अभी नहीं टला है आंधी-तूफान का खतरा
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नयी दिल्ली। तेज आँधी-तूफान से पिछले दिनों देश के उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी हिस्सों में हुये जानमाल के भारी नुकसान को देखते हुये मौसम विभाग ने कम से कम 24 घंटे पहले इसकी चेतावनी जारी करने की प्रणाली विकसित करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

मौसम विभाग के महानिदेशक के.जे. रमेश ने बताया कि पिछले सप्ताह एक नया समूह बनाया गया है जो आँधी-तूफान के पूर्वानुमान को और बेहतर करने की दिशा में काम करेगा। अभी विभाग चार से छह घंटे पहले इस स्थिति की चेतावनी जारी करता है और उसका लक्ष्य ऐसी प्रणाली विकसित करना है जिसमें कम से कम 24 घंटे पहले चेतावनी जारी की जा सके।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में बिजली कड़कने के साथ आँधी-तूफान के मामले बढ़ गये हैं। इसके पीछे जलवायु परिवर्तन एक बड़ी वजह है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, पंजाब और राजस्थान के साथ पूर्वोतर के राज्यों में गत एक महीने में तेज आँधी-तूफान के कई दौर आ चुके हैं और इनमें बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं। साथ ही संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ है। इन इलाकों में पिछले कुछ वर्षों में ऐसा नहीं देखा गया था।

रमेश ने बताया कि अभी मौसम विभाग ‘नाऊ कास्ट’ में इस तरह की वायुमंडलीय गतिविधि का पूर्वानुमान चार से छह घंटे पहले लगाने में सक्षम है। ऐसा प्रयास है कि आने वाले समय में कम से कम 24 घंटे पहले पूर्वानुमान लगाया जा सके ताकि प्रशासन के पास लोगों तक चेतावनी पहुँचाने और उनकी सुरक्षा के उपाय करने के लिए अधिक समय हो।

उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय स्तर पर नौ किलोमीटर के दायरे के लिए चेतावनी जारी की जाती है। चौबीस घंटे पहले की भविष्यवाणी के लिए तीन किलोमीटर के दायरे के आँकड़े एकत्र करने की जरूरत होगी। इस दिशा में काम चल रहा है और इसके लिए जरूरी नये कम्प्यूटर भी उपलब्ध हैं।


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