Top
Begin typing your search above and press return to search.

'आजाद हिंद फौज की संपत्ति के गायब होने की न्यायिक जांच हो'

आजाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं सालगिरह पर वकीलों और सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों के संगठन ने केंद्र सरकार से बोस और उनकी सेना से संबंधित सभी फाइलों से पर्दा उठाने की मांग की

आजाद हिंद फौज की संपत्ति के गायब होने की न्यायिक जांच हो
X

कोलकाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अगुवाई में 1943 में आजाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं सालगिरह पर वकीलों और सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों के एक संगठन ने रविवार को केंद्र सरकार से बोस और उनकी सेना से संबंधित सभी फाइलों से पर्दा उठाने की मांग की। संगठन ने आजाद हिंद फौज की संपत्ति गायब होने की न्यायिक जांच कराने की मांग की।

संगठन ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संघर्ष में बोस और आजाद हिंद फौज के योगदानों को कुछ राजनेताओं ने जानबूझ कर दबा दिया, जोकि राजनीतिक साजिश थी।

इंडिया लीगल एड फोरम नामक इस संगठन ने केंद्र और सभी राज्यों की सरकारों से शहीदों की याद में हर साल आजाद हिंद फौज का स्थापना दिवस मनाने की अपील की।

इंडिया लीगल एड फोरम के महासचिव और वकील जॉयदीप मुखर्जी ने कहा, "आजाद हिंद फौज और नेताजी को वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार हैं। उनका देश की आजादी में बड़ा योगदान है। केंद्र को आजाद हिंद फौज के कोष का पता लगाने के लिए उच्चस्तरीय न्यायिक जांच करवानी चाहिए। उस समय यह कोष करीब 72 करोड़ रुपये का था।"

उन्होंने कहा, "आजाद हिंद फौज के योगदान को जवाहरलाल नेहरू की अगुवाई में देश की पहली सरकार और उसके बाद की सरकारों द्वारा दबा दिया गया। इसकी अवश्य जांच होनी चाहिए कि क्या आजाद हिंद फौज की संपत्ति को देश का एक राजनैतिक परिवार निगल गया।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it