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काली पट्टी लगाकर शिक्षकों ने किया काम

वरिष्ठता शून्य करने, क्रमोन्नत वेतन नहीं देने, संविलियन में 8 वर्ष की बाध्यता लगाने सहित अनेक विसंगतियों से भरे संविलियन से नाराज वर्ग 3 के शिक्षकों तथा 8 साल से कम सेवा

काली पट्टी लगाकर शिक्षकों ने किया काम
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जांजगीर। वरिष्ठता शून्य करने, क्रमोन्नत वेतन नहीं देने, संविलियन में 8 वर्ष की बाध्यता लगाने सहित अनेक विसंगतियों से भरे संविलियन से नाराज वर्ग 3 के शिक्षकों तथा 8 साल से कम सेवा वाले शिक्षको ने बुधवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर काली पट्टी लगाकर स्कूल में अपना ड्यूटी करते हुए राज्य सरकार को अपना विरोध दर्ज कराया। सहायक शिक्षक फेडरेशन संघ के जिला संयोजक शिव साहू ने बताया कि सरकार ने उनके साथ छल किया है। 2013 से राज्य शासन ने क्रमोन्नति वेतन को भूतलक्षी प्रभाव से मूलत: निरस्त कर दिया है। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि संविलियन एवं सातवें वेतनमान को क्रमोन्नति सहित दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के प्रत्येक शिक्षाकर्मी को आज हर माह 8 से 10 हजार का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

एक ही छत के नीचे काम कर रहे कर्मचारियों पर दो तरह का नियम लगाया गया है। राज्य सरकार नियमित शिक्षकों को आज 10 वर्ष में क्रमोन्नति दे रही है, लेकिन शिक्षाकर्मियों को नहीं। ये सरकार की दोहरी नीति है जिससे शिक्षाकर्मियों में सरकार के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है। संविलियन और सातवें वेतन पश्चात यह खाई अब और बढ़ जाएगी तथा वर्ग 3 को अब हर माह 15 से 20 हजार का नुकसान होगा।

इसी प्रकार 8 साल से कम सेवा वाले शिक्षाकर्मियों को सरकार कुछ भी नहीं दे रही है जो विधि संगत नहीं है। अत: इनके विरोध स्वरूप जिले भर के हजारों सहायक शिक्षकों ने 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर अपना विरोध जताते हुए काली पट्टी लगाकर क्लास ली और अपनी ड्यूटी करते हुए सरकार को अपना विरोध दर्ज कराया। साथ ही संविलियन आदेश को संधोधन कर सभी शिक्षाकर्मियों के लिए क्रमोन्नति युक्त, विसंगति रहित संविलियन की मांग की।


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