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चंबल की वादियों में गूंजेगे श्रीनिवास के बोल

धार्मिक मान्यता के अनुसार चंबल नदी की पूजा तो नही होती मगर पांच नदियों के संगम स्थल पंचनद पर इस बार सभी नदियों के एक साथ पूजन की परंपरा शुरू की जा रही है।

चंबल की वादियों में गूंजेगे श्रीनिवास के बोल
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इटावा । दशकों तक दुर्दांत दस्यु गिरोहो की पनाह स्थली के तौर पर कुख्यात रही चंबल को उसकी नैसर्गिक सुदंरता से दुनिया को रूबरू कराने की कवायद के तहत शनिवार को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने वाले जानेमाने गजल गायक श्रीनिवास चंबल गीत की प्रस्तुति देंगे जिसका सजीव प्रसारण किया जायेगा।

धार्मिक मान्यता के अनुसार चंबल नदी की पूजा तो नही होती मगर पांच नदियों के संगम स्थल पंचनद पर इस बार सभी नदियों के एक साथ पूजन की परंपरा शुरू की जा रही है। पांच नदियों के संगम पर शनिवार 12 अक्टूबर की शाम पांच बजे चंबल नदी पर आधारित 'चम्बल गीत' का सीधा प्रसारण कर चंबल और इसकी महत्ता का गुणगान किया जाएगा।
चंबल गीत के जरिये इसकी ऐतिहासिक और पौराणिक महत्ता को देश दुनिया के सामने लाने का प्रयास के तहत इस राष्ट्रीय आयोजन के लिए तैयारियोंावा को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इसी क्रम में विश्व भर की 150 भाषाओं के गजल गायक और तीन बार गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराने वाले डॉ. श्रीनिवास इस गीत को प्रस्तुत करेंगे। चंबल गीत को स्वर देने के साथ ही स्थानीय लोगों के स्वर भी इस गीत के साथ जुड़ेंगे और एक स्वर होकर इस चंबल बेल्ट की पहचान के लिए अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

आयोजक शाह आलम ने बताया कि स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों की उपेक्षा दूर कर यहां की पहचान को वैश्विक धरातल पर उतारने का यह छोटा कदम है। यमुना चंबल के बीहड़ों की जो पहचान आजादी से पूर्व और आजादी के बाद रही है। उसे नए कलेवर में दुनिया के सामने रखने का सामूहिक प्रयास है। इसी क्रम में चंबल गीत की प्रस्तुति यहां की उर्वरता का बखान करती नजर आएगी। आयोजन टीम ने इस गीत के जरिये यहां की आवाज और लोगों की पहचान को बुलन्दी से रखने के लिए कई दिनों से अभियान चला रखा है।
यमुना चंबल सहित तीन अन्य बरसाती नदियों का यह संगम पौराणिक महत्व का भी है। मान्यता है कि यहां तुलसीदास ने रामचरितमानस का एक अध्याय पूरा किया था जबकि पांडव कालीन समय मे यहां द्वापरयुगीन अवशेष आज भी मिलते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला ऐतिहासिक मेला पंचनद की विशिष्ट पहचान है। औरैया-इटावा और जालौन की सीमा के बीच यह स्थल पर्यावरणीय महत्व के लिए भी जाना जाता है।

चंबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित फेस्टिवल का उद्धाटन समारोह 12 बजे दिन से शुरु होगा जिसमें फिल्म निर्माता-निर्देशक डा. राजीव श्रीवास्तव और डा. गजल श्रीनिवास के अलावा आजकल प्रकाशन विभाग के संपादक राकेशरेणु, यूरोप के प्रसिद्ध फिल्म लेखक-निर्देशक वाल्मिर टेरिटनी, सुप्रसिद्ध तमिल-हिन्दी अभिनेता-निर्देशक आदित्य ओम, वरिष्ठ सिने छायाकार एवं सिने संपादक शरद सोंधी, पनाह और बेदर्दी फीचर फिल्म के चर्चित निर्देशक कृष्णकांत पांड्या, 2जी केस और व्यापम् केस लड़ने वाले सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एहतेशाम हाशमी समेत कई नामचीन हस्तियां शिरकत करेंगी।

उद्घाटन समारोह की शाम 5 बजे पांच नदियों के संगम (पचनद) पर डा. गजल श्रीनिवास ‘चंबल गीत’ का लाइव कंसर्ट करेंगे। तीन दिवसीय फ़िल्म फेस्टिवल की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।


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