भारतीय उत्पादों की व्यापक संभावनायें दक्षिण एशिया : प्रभु
प्रभु ने क्षेत्रवार निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्यातकों को दक्षिण एशिया पर खास ध्यान देना चाहिए

नयी दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने क्षेत्रवार निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं की समीक्षा करते हुए आज कहा कि निर्यातकों को दक्षिण एशिया पर खास ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहां भारतीय उत्पादों और सेवाओं की व्यापक संभावनायें मौजूद हैं।
प्रभु ने यहां विभिन्न क्षेत्रों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये तैयार की गयी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की।
इन निर्यात योजनाओं को सरकार के संबंधित विभागों, मंत्रालयों और कार्यालयों ने तैयार किया है।
ये योजनायें नौ क्षेत्रों रत्न एवं जेवरात, चमड़ा, कपड़ा एवं परिधान, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रोनिक्स, रसायन, पेट्रोकेमिकल्स, फार्मा, कृषि और सहयोगी उद्योग तथा समुद्री उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिये बनायी गयी हैं।
बैठक के दौरान उन्होने मंत्रालयों से दक्षिण एशिया की ओर ध्यान देने का अनुरोध किया और कहा कि इन देशों में भारत से निर्यात की व्यापक संभावनायें मौजूद हैं।
उन्होने कहा कि इन देशों में व्यापार बढ़ाने के लिये वस्तुओं का लेन-देन किया जा सकता है और इसके संभावनायें देखी जानी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने क्षेत्रवार निर्यात प्रोत्साहन योजना की तीसरी बार समीक्षा की है।
समीक्षा बैठक में वाणिज्य सचिव, विदेश व्यापार महानिदेशक, कपड़ा, रसायन एवं पेट्रोकेमिकल्स के सचिव तथा इलेक्ट्रोनिक्स, छोटे उद्योग, कृषि, पशुपालन और रक्षा उत्पादन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


