एसटीपी का पानी एनटीपीसी के कूलिंग टावरों को करेगा ठंडा
अब तक सिंचाईं व निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाला सिवरेज ट्रीटमेंट (एसटीपी) का पानी एनटीपीसी के कूलिंग के स्टेशनों को ठंडा करने का काम करेगा

नोएडा प्राधिकरण व एनटीपीसी के बीच एमओयू होगा साइन
नोएडा। अब तक सिंचाई व निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाला सिवरेज ट्रीटमेंट (एसटीपी) का पानी एनटीपीसी के कूलिंग के स्टेशनों को ठंडा करने का काम करेगा। इससे जहा एसटीपी के पानी की उपयोगिता बढ़ेगी। वहीं, एनटीपीसी द्वारा प्रयोग किए जाने वाले गंग नहर के पानी को बचाया जा सकेगा। एसटीपी प्लांट से एनटीपीसी तक पानी की लाइन डालने मोटर इत्यादि लगाने का काम एनटीपीसी करेगा। प्राधिकरण को सालाना करीब 30 करोड़ रुपए के राजस्व मिलेगा।
इसके लिए प्राधिकरण जल्द हर एनटीपीसी के साथ एमओयू साइन करने जा रहा है। साझा समझौते पत्र में कई शर्तो है। जिसके अनुसार नोएडा प्राधिकरण व एनटीसी कार्य करेगी। दादरी एनटीपीसी प्लांट कोयले पर आधारित 500 एकड़ में फैला है। प्लांट की स्थापना 1988-90 में हुई थी। यहां सोलर प्लांट से 5 मेगावॉट समेत 2652 मेगावॉट बिजली पैदा हो रही है।
प्लांट में लगे कूलिंग टावरों को ठंड करने के लिए यहा गंग नहर के पानी का प्रयोग किया जाता है। लेकिन अब इसे ठंडा करने के लिए शहर के एसटीपी प्लांट के पानी का प्रयोग होगा। यहा छह एसटीपी प्लांट है। जिनसे करीब 80 एमएलडी ट्रीटेड पानी की सप्लाई एनटीपीसी को की जाएगी। इसकी सप्लाई के लिए प्लांट से एक पाइन लाइन बिछाई जाएगी। साथ ही कई स्थानों पर मोटर लगाई जाएगी।
यह सभी कार्य एनटीपीसी द्वारा किया जाएगा। यानी प्राधिकरण को सिर्फ ट्रिटेड पानी देना होगा। उसकी सप्लाई से लेकर पाइप लाइन बिछाने व मरम्मत का खर्चा एनटीपीसी द्वारा किया जाएगा। ट्रिटेड पानी पहुंचते ही एनटीपीसी गंग नहर के पानी का प्रयोग नहीं करेगा। ऐसे में इस पानी का प्रयोग अन्य कार्यो में किया जा सकेगा। वहीं, सिवरेज पानी जिसका प्रयोग अब तक निर्माण कार्य व सिंचाईं के लिए किया जाता था। वह नोएडा प्राधिकरण के राजस्व में बढ़ोतरी करेगा।
प्रति साल मिलेगा 30 करोड़ का राजस्व
शहर में पांच एसटीपी प्लांट है। इससे करीब 80 एमएलडी पानी एनटीपीसी को दिया जाएगा। बताते चले कि इस पानी का प्रयोग बिल्डर निर्माण कार्य के लिए प्रयोग कर रहे है। ऐसे में साल के अंत में सिवरेज पानी से प्राधिकरण को करीब 30 करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा। इसके लिए जल्द ही एनटीपीसी के साथ प्राधिकरण एमओयू साइन करेगा।


