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मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश से बनारस में बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

पिछले कुछ दिनों से मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश देखने को मिल रही है। इसके कारण धार्मिक नगरी काशी में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है

मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश से बनारस में बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
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वाराणसी। पिछले कुछ दिनों से मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश देखने को मिल रही है। इसके कारण धार्मिक नगरी काशी में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है।

बता दें कि पहाड़ी और मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश की वजह से कई नदियां उफान पर हैं। धार्मिक नगरी वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा का जलस्तर एक-दो सीढ़ी चढ़कर ऊपर पहुंच गया है।

नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से गंगा में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। घाट किनारे रहने वाले नाविक श्रद्धालुओं पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।

इसके अलावा जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम भी मुस्तैदी से नजर रख रही है। श्रद्धालुओं को गहरे पानी में स्नान करने से रोका जा रहा है। हालांकि अभी फिलहाल मां गंगा अपने रौद्र रूप में नहीं दिख रही हैं। लेकिन जिस तरह से पहले मां गंगा का जल तांडव देखने को मिला है, उसको ध्यान में रखते हुए चौकसी बरती जा रही है।

गंगा घाट के पुरोहित पंडित राजू झा ने आईएएनएस को बताया, "गंगा जी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले एक सप्ताह में नदी का जलस्तर तीन-चार फुट बढ़ा है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।"

उन्होंने कहा, "बाढ़ के समय कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे घाट में जितनी भी चौकियां हैं, बाढ़ के समय में डूबने में लगती हैं। हम लोगों को अपनी चौकियों को लेकर ऊपर जाना पड़ता है। स्थान सीमित हो जाता है। सावन आने वाला है, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी। लेकिन जलस्तर बढ़ने से उनको स्नान करने में समस्या का सामना पड़ता है।"

घाट के नाविक शंभू निषाद ने आईएएनएस से कहा, "गंगा का जलस्तर पिछले चंद दिनों में दो सीढ़ी ऊपर आ गया है। आगे सावन आने वाला है। इससे कांवरियों की संख्या में वृद्धि होगी। सुरक्षा की दृष्टि से सभी अलर्ट हो गए हैं।"


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