जनरल रावत के निधन से हुए शून्य को भरा नहीं जा सकता है: राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि जनरल बिपिन रावत एक असाधारण सैन्य अधिकारी थे और उनके निधन से हुए शून्य को कभी नहीं भरा जा सकता है

नई दिल्लाी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि जनरल बिपिन रावत एक असाधारण सैन्य अधिकारी थे और उनके निधन से हुए शून्य को कभी नहीं भरा जा सकता है। राष्ट्रपति ने शनिवार को देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड में अपने संबोधन में कहाआज हम यहां ऐसे समय एकत्र हुए हैं जब देश उनके निधन के सदमे से उबरा नहीं है और उत्तराखंड उनका घर है तथा उनका प्रशिक्षण यहीं की सैन्य अकादमी में हुआ था। इसी सैन्य अकादमी में उन्हें असाधारण कौशल के लिए स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्राप्त हुई थी और अगर बुधवार को वह हादसा नहीं हुआ होता तो वह आज हमारे बीच होते और गर्व तथा सम्मान से कैडेटों की इस पासिंग आउट परेड को देख रहे होते।
उन्होंने कहा कि जनरल रावत का नाम आईएमए की शान के साथ जुड़ गया था और यह सैन्य संस्थान प्रोत्साहन देने वाली परंपरा का एक वाहक है। उनसे पहले फील्ड मार्शल के एम करियप्पा, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और अन्य बेहतरीन अधिकारी युवा कैडेटों के तौर पर यहां से प्रशिक्षित होकर निकले थे जिन्होंने आगे जाकर अनेक कीर्तिमान स्थापित किए थे। उनमें से कु छ ने देश के सम्मान और गरिमा के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी थी।
राष्ट्रपति ने भरोसा जताते हुए कहा कि आज यहां से जीवन और करियर की नयी शुरूआत करने वाले जेंटलमेन कैडेट आगे भी इसी सैन्य अकादमी की महान विरासत को आगे बढ़ाएंगे।
उन्होंने सभी कैडेटों को उनके प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए बधाई देते कहा कि सैनिकों तथा सैन्य लीडर के रूप में उनकी सेवाएं शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक भारत को और मजबूत करेंगी।
इस परेड में अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल , श्रीलंका, ताजिकिस्तान , तंजानिया, तुर्कमेनिस्तान और वियतनाम के नागरिकों ने जेंटलमैन कैडेट के तौर पर अपना सैन्य प्रशिक्षण पूरा किया है।
राष्ट्रपति ने इस मौके पर कहा कि यह विभिन्न देशों के बीच हमारे विशेष संबंध को दर्शाता है और भारत के लिए मित्र राष्ट्रों के नागरिकों को अधिकारियों के तौर पर प्रशिक्षत करना गर्व की बात है।


