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दलित युवक की हत्या से गुजरात का गांव दहशत में

गुजरात के भद्रानिया गांव में गरबा कार्यक्रम के दौरान एक दलित युवक की हत्या से दलित समुदाय की बस्ती दहशत में है

दलित युवक की हत्या से गुजरात का गांव दहशत में
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भद्रानिया। गुजरात के भद्रानिया गांव में गरबा कार्यक्रम के दौरान एक दलित युवक की हत्या से दलित समुदाय की बस्ती दहशत में है। इस मामले में पुलिस ने आठ लोगों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। भद्रानिया के वंकारवस के लोगों ने जिग्नेश मेवानी के नेतृत्व में दलित कार्यकर्ताओं की टीम को बताया कि रात में घरों की बिजली काट दी गई, ताकि पीड़ित परिवार से कोई मिलने न आ सके।

राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक मेवानी ने बताया, "गांव के सरपंच ने आश्वस्त किया है कि इस घटना के बाद गांव में बिजली नहीं थी, इस वजह से कुछ ही लोग मृतक जयेश के परिवार से मिल सके।"

मेवानी बीती सोमवार रात से गांव में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने कहा, "लोग यह भी कह रहे हैं कि कुछ अज्ञात लोग बीती रात वंकारवस में घूम रहे थे, हो सकता है कि वे नजर रखे हुए हों।"

यह गांव गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरतसिह सोलंकी के गृह जिले आणंद में है। पुलिस का कहना है कि शनिवार तड़के वंकारवस गांव के ही पटेल जाति के कुछ लोगों ने कथित तौर पर जयेश सोलंकी (21) की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

उन्होंने बताया कि स्थानीय मंदिर के पास गरबा कार्यक्रम में हिस्सा लेने की वजह से जयेश की बेरहमी से पिटाई की गई। स्थिति उस समय बिगड़ी, जब संजय उर्फ भीमू ने कथित तौर पर जयेश पर जातिवादी टिप्पणियां कीं और गालियां दीं।

संजय और उसके सात दोस्तों ने जयेश को बताया कि दलितों को गरबा कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं है। गरबा सिर्फ ऊंची जातियों के लिए है। इस बात पर विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों के बीच मुक्के जड़े गए और पटेल जाति के लड़कों ने जयेश की पिटाई करनी शुरू कर दी।

जयेश का सिर दीवार पर पटका गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। वह बेहोश हो गया, जिसके बाद उसे निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं- जैसे धारा 302 (हत्या) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मेवानी का कहना है कि विभिन्न दलित संगठनों ने जयेश की हत्या के विरोध में गुरुवार को गांव में सार्वजनिक बैठक की और जिला कलेक्टर को ज्ञापन पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि दलितों पर हमले रोजमर्रा की बात हो गई है।


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