मप्र विधानसभा की परंपरा को कलंकित किया गया : कांग्रेस
अजय सिंह ने आरोप लगाया कि विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष हमेशा प्रश्नकाल चलने की दुहाई देते थे

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र महज दो दिन में ही खत्म हो जाने पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा और संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर हमला बोलते हुए कहा कि दोनों ने मिलकर मध्यप्रदेश विधानसभा के गौरवशाली इतिहास और परंपरा को आज कलंकित कर दिया। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने मंगलवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि आज का दिन मध्यप्रदेश की विधानसभा और लोकतांत्रिक परंपराओं के ध्वस्त होने पर काले दिवस के रूप में याद किया जाएगा। यह पहले ही आशंका व्यक्त की थी कि भाजपा और शिवराज सरकार कांग्रेस विधायक दल द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने से भागेंगे और वही हुआ।
सिंह ने आरोप लगाया कि विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष हमेशा प्रश्नकाल चलने की दुहाई देते थे, लेकिन मंगलवार को इन दोनों ने मिलकर प्रश्नकाल चलने नहीं दिया।
18 विधेयकों को कुछ मिनटों में ही पारित कर दिया। सदन शुरू होने के पहले ही विधानसभा अध्यक्ष और सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा न कराने और सदन को दो दिन में ही खत्म करने की पटकथा लिख ली थी।
सिंह ने सीधे तौर पर विधानसभाध्यक्ष को 'सरकार की कठपुतली' बताते हुए कहा, "एक ओर षड्यंत्रकारी संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि अब इस अविश्वास प्रस्ताव में दम नहीं है, तथ्य नहीं है, घिसे-पिटे मामले हैं, दूसरी ओर उसी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा न हो, इसके लिए उन्होंने शुरू दिन से ही साजिश रची थी।"
सिंह ने भाजपा की महिला विधायक द्वारा लगाए गए आरापों का जिक्र करते हुए कहा कि सदन के इतिहास में यह पहला मौका था, जब सत्ता पक्ष की भाजपा विधायक नीलम अभय मिश्रा ने रीवा के विधायक व मंत्री राजेंद्र शुक्ला पर उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए सुरक्षा मांगी।


