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कलेक्टर से मिलने आई टॉपर ने कहा, आपकी सीट पर बैठना चाहती हूं

कलेक्टर भीम सिंह ने हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी परीक्षा में मेरिट में स्थान बनाने वाले छात्र-छात्राओं को उनकी सफलता पर बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ की

कलेक्टर से मिलने आई टॉपर ने कहा, आपकी सीट पर बैठना चाहती हूं
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कलेक्टर भीम सिंह ने दी हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी में मेरिट में स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं, इनके शिक्षकों एवं परिजनों को बधाई

राजनांदगांव । कलेक्टर भीम सिंह ने हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी परीक्षा में मेरिट में स्थान बनाने वाले छात्र-छात्राओं को उनकी सफलता पर बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ की। उन्होंने इनके पीछे कड़ी मेहनत करने वाले शिक्षकों एवं इनके परिजनों को भी इस बड़ी सफलता पर बधाई दी।

कलेक्टर सिंह ने बारी-बारी सभी छात्र-छात्राओं से उनके सपनों के बारे में बात की। मेरिट में सातवां स्थान प्राप्त करने वाली संस्कार स्कूल चौकी की छात्रा आस्था लाटा से कलेक्टर ने पूछा कि तुम भविष्य में क्या बनना चाहती हो? आस्था ने कहा कि मैं उसी सीट पर बैठना चाहती हूँ जहाँ अभी आप बैठे हुए हैं।

कलेक्टर ने इस पर उन्हें शुभकामनाएं दीं। आस्था ने बताया कि वे खूब पढ़ना चाहती हैं लेकिन अभी से चश्मा लग गया है डर लगता है कि ज्यादा पढ़ने से कहीं आँखों की समस्या न बढ़ जाए। इस पर कलेक्टर ने कहा कि उन्हें भी बारहवीं कक्षा में ही चश्मा लग गया था लेकिन अब भी अच्छे से काम कर रहे हैं।

बिना चिंता किए खूब पढ़ती जाओ, सब अच्छा होगा। बाजार अतरिया की छात्रा चंचल ने कलेक्टर को बताया कि वे डॉक्टर बनना चाहती हैं। चंचल ने बताया कि उन्हें लोगों की दुखतकलीफ देखकर बहुत बुरा लगता है। वे डॉक्टर बनकर उनकी समस्याएं ध्यान से सुनकर उनकी बीमारी जल्दी से दूर कर देंगी।

हाईस्कूल में पूरे प्रदेश में नवां स्थान बनाने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला शंकरपुर के अमन सुषमाकर ने बताया कि वो साइंटिस्ट बनना चाहता है। उनके स्कूल की प्राचार्य श्रीमती वर्षा शर्मा ने बताया कि अमन में अपने काम को लेकर जबर्दस्त जुनून हैं। वो साइंस में गहरी रुचि रखता है और खूब मन लगाकर पढ़ता है।

घनश्याम वर्मा के पिता दुकान चलाते हैं। वो एस्ट्रानामर बनना चाहता है। घनश्याम वेसलियन स्कूल का छात्र है। उसने बताया कि नोबल पुरस्कार प्राप्त एस. चंद्रशेखर की थ्योरी उसे विशेष रूप से पसंद आई जिसके बाद उसकी ब्रह्माँड में गहरी रुचि पैदा हुई।

घनश्याम फिल्में देखने का भी शौकीन है उसने बताया कि जब उसने थ्री इडियट फिल्म देखी तो उसका संवाद काबिल बनो, सफलता खुद पीछे आएगी से बहुत प्रभावित हुआ। घनश्याम ने बताया कि वो आइशर पुणे में पढ़ाई करना चाहता है इसके बाद एस्ट्रोफिजिक्स के अध्ययन के लिए हैदराबाद जाना चाहता है।


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