Top
Begin typing your search above and press return to search.

मंदिर महंत नृत्यगोपाल की देखरेख में ही बनेगा : विहिप

विहिप ने कहा कि महंत नृत्यगोपाल दास राम मंदिर आंदोलन का पर्याय रहे हैं।

मंदिर महंत नृत्यगोपाल की देखरेख में ही बनेगा : विहिप
X

नई दिल्ली | अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से गठित ट्रस्ट में श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास को शामिल किए जाने पर बुलंद हुए विरोध के स्वरों के बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को एक बड़ा बयान दिया है। विहिप का कहना है कि राम मंदिर महंत नृत्यगोपाल दास देखरेख में ही बनेगा।

विहिप ने कहा कि महंत नृत्यगोपाल दास राम मंदिर आंदोलन का पर्याय रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में वे रहें या न रहें, मगर अयोध्या में मंदिर तो उनके निर्देशन में ही बनेगा। संगठन ने यह भी कहा कि नृत्यगोपाल दास का कद बहुत बड़ा है, वह किसी पद के मोहताज नहीं हैं।

विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने आईएएनएस से कहा, "सारी बाधाओं के दूर होने के बाद राम मंदिर का जल्द से जल्द निर्माण सभी का लक्ष्य है। इस दिशा में केंद्र सरकार का प्रयास सराहनीय है। सरकार ने बहुत विचार के बाद ट्रस्ट के सदस्यों का चयन किया है। दो पद खाली रखे गए हैं, जिसमें आगे महंत नृत्य गोपाल दास को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के संकेत मिले हैं।"

बंसल ने यह भी कहा कि राम मंदिर आंदोलन से जुड़े सबसे प्रमुख जीवित चेहरे नृत्यगोपाल दास हैं। उनका राम मंदिर आंदोलन में अतुलनीय योगदान रहा है। हर रामभक्त नृत्यगोपाल दास के योगदान से परिचित होकर उनका सम्मान करता है।

उन्होंने कहा, "मंदिर का निर्माण तो उनके मार्गदर्शन में ही होगा, चाहे वे ट्रस्ट में रहें या न रहें। राम मंदिर आंदोलन में उनका जो कद है, उसके आगे कोई भी पद बौना है। विहिप महंत नृत्यगोपाल दास के निर्देशन में ही मंदिर का निर्माण चाहती है। वे हमारे लिए पूजनीय हैं।"

दरअसल, 6 फरवरी को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 15 सदस्यीय ट्रस्ट गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। गठित किए गए ट्रस्ट में फिलहाल दो पद खाली हैं। ट्रस्ट में शामिल नौ सदस्यों पर इन दो ट्रस्टियों के चयन की जिम्मेदारी है।

विवाद तब शुरू हुआ, जब इसमें राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का नाम नहीं देखा गया। इसके बाद कहा जाने लगा कि सरकार ने राम मंदिर आंदोलन में भूमिका निभाने वाले अयोध्या के स्थानीय संतों की जगह ऐसे व्यक्तियों को भी ट्रस्ट में जगह दी, जिनका इस दिशा में कोई योगदान नहीं रहा है।

नाराजगी की खबर सुनकर बीते गुरुवार को स्थानीय विधायक और अयोध्या के महापौर जब महंत नृत्यगोपाल दास से मिलने पहुंचे तो उन्हें मणिरामदास जी की छावनी में घुसने नहीं दिया गया था। इसके बाद राम जन्मभूमि न्यास का दावा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फोन पर बातकर आश्वासन दिया कि महंत नृत्यगोपाल दास को आगे ट्रस्ट में अध्यक्ष बनाया जाएगा। तब जाकर अयोध्या के संतों की नाराजगी नाराजगी दूर हुई।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it