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फाई मछली बीज का लक्ष्य, प्रक्षेत्र खण्डसरा में दो वर्षो से अधूरा

शासकीय मतस्य बीज प्रक्षेत्र खण्डसरा में संचालित है। हैचरी से मछली पालन का कार्य शासन व हितग्राहियों के लिये उपलब्धि भरा है

फाई मछली बीज का लक्ष्य, प्रक्षेत्र खण्डसरा में दो वर्षो से अधूरा
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बेमेतरा। शासकीय मतस्य बीज प्रक्षेत्र खण्डसरा में संचालित है। हैचरी से मछली पालन का कार्य शासन व हितग्राहियों के लिये उपलब्धि भरा है। यद्यपि यह हैचरी मछली के अंडा देने के तीन दिनों बाद पैदा होने वाली मछलियां जिला मतस्य विभाग के लिये सराहनीय कार्य तो है लेकिन मछलियों को नर्सरी में तैयार करने के मामले में प्राकृतिक रूप से विभाग कमजोर होते नजर आता है।

इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण स्पान फाई मछली बीज के लक्ष्य को पूर्ण कर पाने बेमेतरा हैचरी, डिपार्टमेन्ट के लिये मछली पालन की योजना मात्र टाईमपास का साधन बन गया है। जैसा कि विभाग का दावा है कि वर्ष 2014 से निर्माणाधीन मतस्य विभाग के निर्धारित लक्ष्य सफलतापूर्वक शत् प्रतिशत काम पूर्ण हो रहा है। जिसमें राज्य शासन के द्वारा दिये गये लक्ष्य से अधिक स्पान मछली बीज का उत्पादन खण्डसरा बीज प्रक्षेत्र में हो रहा है।

जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014-15 में 2 करोड़ का लक्ष्य था । जिसमें 2 करोड़ 20 लाख स्पान मछली बीज का उत्पादन निश्चित रूप से उपलब्धि भरा था। वहीं वर्ष 2015-16 में ढ़ाई करोड़ स्पान बीज पर 3 करोड़ तथा 2016-17 में 3 करोड़ की जगह 4 करोड़ 10 लाख और वर्ष 2017-18 में साढ़े तीन करोड़ का लक्ष्य शासन से मिला है। जिस पर विभाग का दावा है कि 5 करोड़ स्पान बीज बनाना एक उपलब्धि की तरह ही है। विभाग के द्वारा स्पान संवर्धन के लिये शत् प्रतिशत अनुपान का लक्ष्य रखा गया है।

10 एकड़ शासकीय जमीन पर एक मात्र हैचरी के शुरू होने से मछली पालन की योजना अनुसार क्षेत्र में व्यापक वृद्धि हो रही है। पूर्व में इस कारोबार से जुड़े किसान एवं व्यापारियों को रायपुर, दुर्ग, एवं बिलासपुर से मछली बीज लाकर व्यवसाय करने की मजबुरी जिला निर्माण के साथ ही समाप्त हो चुकी है। जिससे कारोबारियों को मछली व्यवसाय से बड़ा लाभ मिलने लगा है। जिला में शासन की योजनानुसार सामूहिक रूप से तालाब को नीलाम में लेकर मछली पालन करने वाले व्यवसायियों की संख्या दिनो दिन बढ़ रही है।

''मानसूनी दगाबाजी के चलते फसलों के खराब होने के साथ साथ मछली उत्पादन का कारोबार भी प्रभावित होने लगा है। हालांकि शासन के द्वारा विभाग को दिये गये लक्ष्य अनुसार स्पान बीज का लक्ष्य पूर्ण कर लेना भी विभाग के लिये उपलब्धि जैसा ही है किन्तु स्पान फाई का लक्ष्य पिछले दो वर्षो से पूरा नही हो पा रहा है। इस वर्ष विभाग को 50 लाख फाई स्पान का लक्ष्य माह मार्च तक पूर्ण करना होगा।
- आर.पी. वर्मा, जिला मतस्य प्रभारी बेमेतरा


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