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एनडीटीवी के खिलाफ सीबीआई रेड तानाशाही का प्रतीक : आप

आम आदमी पार्टी (आप) ने एनडीटीवी के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की कार्रवाई को देशभर की मीडिया पर हमला बताया है

एनडीटीवी के खिलाफ सीबीआई रेड तानाशाही का प्रतीक : आप
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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने एनडीटीवी के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की कार्रवाई को देशभर की मीडिया पर हमला बताया है। पार्टी का कहना है कि यह मीडिया की आवाज को दबाने की कोशिश है।

पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए आप के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि डॉ. प्रणय रॉय के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई देशभर की मीडिया को एक संदेश है कि अगर यहां सत्ता और सत्ता में बैठे लोगों की पूजा नहीं की तो उनके पीछे जांच एजेंसियां छोड़ दी जाएंगी।

आशुतोष ने कहा जिस तरह से एनडीटीवी के संस्थापक और टीवी पत्रकारिता के जनक डॉ. प्रणव रॉय के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई की गई है वो इस देश में मीडिया की स्वतंत्रता पर हमले की तरह है।

डॉ. रॉय वैश्विक स्तर पर अपनी निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं लेकिन उनके खिलाफ एक बैंक लोन को लेकर की गई सीबीआई की रेड से पूरी मीडिया को संदेश देने की कोशिश की गई है कि यहां अगर सरकार और व्यक्ति विशेष की पूजा नहीं की तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।

आप नेता ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि एनडीटीवी आज भी निष्पक्ष पत्रकारिता की नींव पर मजबूती के साथ खड़ा है, तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे पत्रकार भी हैं जो लगातार सरकार और व्यक्ति-पूजा में लीन हैं और उन्हें उनके ईनाम के तौर पर राज्यसभा की सीट और दूसरे पदों और पुरस्कारों से नवाजा जा रहा है। जो पत्रकार निष्पक्ष तरीके से पत्रकारिता करता है उसके पीछे सीबीआई छोड़ दी जाती है।

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशीष खेतान ने कहा कि देश की सरकार इस वक्त हर उस आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है जो आवाज व्यक्ति पूजा या फिर उनके एजेंडे के मुताबिक ख़बर नहीं दिखा रहे हैं। देश में 30 हजार से ज्यादा एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मीडिया को भी निशाने पर ले लिया जा रहा है।

यह कोशिश पिछले तीन साल से लगातार की जा रही है जिसमें कानून और सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है जो बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि आप एनडीटीवी पर की गई तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करती है।

उम्मीद की जाती है कि एडिटर्स गिल्ड और नेशनल ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन इस कार्रवाई का संज्ञान लेकर मीडिया की स्वतंत्रता को बचाने के लिए एकजुट होकर प्रयास करेगी।


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