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मध्य प्रदेश की स्कूली इमारतों की मजबूती की जांच हो : कमलनाथ

मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुए हादसों में बच्चों की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने चिंता जताई। उन्होंने राज्य सरकार से सरकारी और निजी स्कूलों की इमारतों की मजबूती की जांच कराने की मांग की है

मध्य प्रदेश की स्कूली इमारतों की मजबूती की जांच हो : कमलनाथ
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भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुए हादसों में बच्चों की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने चिंता जताई। उन्होंने राज्य सरकार से सरकारी और निजी स्कूलों की इमारतों की मजबूती की जांच कराने की मांग की है।

ज्ञात हो कि बीते दिनों रीवा जिले के गढ़ में स्कूल की दीवार गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई थी। वहीं सागर जिले में एक दीवार गिरने से शिवलिंग बना रहे नौ बच्चों की मौत हो गई थी।

इसके बाद राज्य में स्कूलों समेत अन्य इमारतों की स्थिति का पता लगाने के लिए सर्वे किया जा रहा है। इसमें कई स्थानों पर इमारतों के जर्जर होने की बात सामने आई है।

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में लगातार इस तरह की दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें भवन या दीवार गिरने से मासूम बच्चों की मौत हुई है। रीवा और सागर में बच्चों की मौत की दुखद घटनाओं ने सबका दिल दहला दिया है।

अब यह रिपोर्ट भी सामने आ रही हैं कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी स्कूल कमजोर और पुरानी इमारतों में चल रहे हैं। भोपाल में ही 42 स्कूलों के जीर्ण-शीर्ण भवनों में चलने की रिपोर्ट सामने आई है।

कमजोर इमारतों में बच्चों को पढ़ाना, भीषण जोखिम को आमंत्रित करने के बराबर है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल भवनों पर किसी तरह का ध्यान न देकर सरकार बच्चों की सुरक्षा से गंभीर खिलवाड़ कर रही है।

उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मांग की है कि वे पूरे प्रदेश में सभी तरह के सरकारी और निजी स्कूलों की इमारतों की मजबूती की जांच कराएं और तत्काल उनकी मरम्मत शुरू की जाए। जब तक किसी स्कूल की मरम्मत का कार्य चलता है तब तक बच्चों को किसी दूसरे स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा जाए, ताकि उनकी सुरक्षा को कोई खतरा न हो।

राज्य में बीते कुछ दिनों से बारिश का दौर जारी है। कमजोर और जर्जर मकान गंभीर हादसे का कारण बन सकते हैं। इस बात से सरकार वाकिफ है। यही कारण है कि जिले स्तर पर कमजोर मकानों को चिन्हित किया जा रहा है और उन्हें खाली कराया जा रहा है। कई स्थानों पर तो बुलडोजर भी चलाया जा रहा है।


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