राज्य सरकार के कोरोना संक्रमण के आंकड़े सिर्फ कागजों में हैं : रामलाल
राजस्थान में भाजपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा है कि राज्य में कोरोना संक्रमण के प्रबन्धन से सम्बन्धित आंकड़े मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जो मीडिया के समक्ष पेश किए गए

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा है कि राज्य में कोरोना संक्रमण के प्रबन्धन से सम्बन्धित आंकड़े मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जो मीडिया के समक्ष पेश किये गये हैं, वे धरातल पर नहीं हैं, सिर्फ कागजों एवं आंकड़ों में हैं।
श्री शर्मा ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि सरकारी अस्पतालों में तीन हजार ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं, जिसमें से केवल 900 ही काम आ रहे हैं, एक हजार आइसीयू बेड में से 300, 500 वैंटिलेटर में से 250 ही उपयोग में आ रहे हैं जबकि स्थिति यह है कि सरकारी मेडिकल काॅलेजों में एवं जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड, आइसीयू बेड, वेंटिलेटर बेड की आवश्यकता अनुसार उपलब्ध ही नहीं है। काफी कोरोना मरीजों को यह कहा जाता है कि दो-तीन बाद में बेड उपलब्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार निजी मेडिकल काॅलेज एवं अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए निर्धारित दर से अधिक अवैध वसूली की जा रही है, जिसके समाधान को लेकर सरकार गंभीर नहीं है।
श्री शर्मा ने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों की तो बात छोड़ें, निजी चिकित्सालयों में भी उचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। जयपुर में कोविड सेन्टर रूप में जो निजी चिकित्सालय घोषित किये गये हैं, उन चिकित्सालयों में भी दो-तीन दिन बाद बेड उपलब्ध हो पा रहे हैं। तीन महीने पहले जब किसी मोहल्ले, कस्बे, गांव में कोविड का मरीज आता था, तो उस इलाके में कर्फ्यू लगाया जाता था, बेरिकेट भी लगाये जाते थे, उस पूरे मोहल्ले को सैनेटाइज किया जाता था, उसके वहां सुरक्षा का जाब्ता लगाया जाता था, लेकिन अब पूरे प्रदेश में इस प्रकार के हालात हैं कि तीन-तीन दिन तक जांच रिपोर्ट नहीं आती है और जब जांच रिपोर्ट आती है तो कई मामलों में पूरा परिवार ही संक्रमित पाया जाता है, ऐसे में और भी लोग संक्रमित हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेजी से बढ़ते मामलों के कारण कोरोना विस्फोट हो रहा है, लेकिन सरकार के तमाम वाह-वाही लूटने वाले दावे, सिर्फ खुद का प्रचार करने के लिए किये जा रहे हैं।


