आदिवासियों के हितों की रक्षा करने बने मंच: सोनी सोढ़ी
जगदलपुर ! सरकार महिलाओं पर ही आक्रमण क्यों कर रही है। क्या महिलाओं को कमजोर समझती है या सरकार नारीशक्ति से डर रही है।

लगाया आरोप, बेला भाटिया के घर पर हमला सरकार के माध्यम से
जगदलपुर ! सरकार महिलाओं पर ही आक्रमण क्यों कर रही है। क्या महिलाओं को कमजोर समझती है या सरकार नारीशक्ति से डर रही है। क्योंकि बस्तर में महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म और समस्आयों को महिलाएं ही उठा रही है। बस्तर की वास्तविकता को सब के सामने लाने की भूमिका निभा रही है। चाहे वह सोनी सोढ़ी हो या बेलाभाटिया इन पर हमला भी हो रहा है। सोनी सोढ़ी बस्तर छोड़ों, बेलाभाटिया बस्तर छोड़ों मनीष कुजांम बस्तर छोड़ों जैसे नारे लगाये जा रहे है जो गलत है। हम भी माओवादियों द्वारा की जा रही हिन्सा का विरोध करते है। माओवादियों को भी अधिकार नहीं है कि वे किसी की हत्या करे। कुछ संगठन बस्तर में शांति स्थापित करने व आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए कार्य कर रहे है। हम भी उनका सम्मान करते है। हम उन तक यह संदेश पहुंचा रहे है कि हम सभी एक मंच पर एकत्रित होकर बस्तर में शांति तथा आदिवासियों के विकास के लिए चर्चा कर निर्णायक पहल करे। यह मंच आम नागरिकों का हो इसमें पुलिस हथियार इन सब का साथ नहीं होना चाहिए। इसके लिए अगर वे संगठन हमे बुलाये तो किसी भी जगह पर जाने के लिए भी तैयार है। फरवरी माह में बस्तर के सभी आदिवासी जनप्रतिनिधियों के दरवाजे पर जाकर पीडि़त महिलायें अपने लिए न्याय मागेंगी। उक्त बाते आप पार्टी की नेत्री सोनी सोढ़ी ने स्थानीय निषाद भवन में 24 जनवरी को आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि हम सभी का मुल उदेश्य है बस्तर में मानवता की हत्या पर रोक लगना चाहिए। बस्तर में अधिकारी, व्यापारी, जनप्रतिनिधि सभी बाहरी है। बार बार आदिवासी का मुद्दा बना रहे है। बस्तर छोडऩे की बात बस्तरवासी किसी भी भाई बहन चाहे वह किसी भी धर्म या जाति के लोग हो उन्हें बस्तर छोडक़र जाने की बात नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बेलाभाटिया के घर पर हुए प्रदर्शन के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह सब बेलाभाटिया द्वारा बीजापुर के अन्दरूनी गांव में महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म मामले की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दल के साथ गांव पहुंचकर मदद करने के विरोध स्वरूप किया गया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजापुर जिले के पेदागेलुर, चिन्नागेलुर, कुन्ना जैसे गांव में अब भी विकास से काफी दूर है। इन गांव में अब तक आंगनबाड़ी, अस्पताल, स्कूल जैसी प्राथमिक सुविधायें उपलब्ध नहीं है। महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहा है। डिलवरी की सुविधा भी इन क्षेत्रों में नहीं है जिसके चलते महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पत्रकार वार्ता के दौरान आप पार्टी के प्रवक्ता रोहित सिंह आर्य एवं अन्य पदाधिकारी व सदस्यगण उपस्थित थे।
बस्तर आदिवासी सुरक्षा मंच बेलाभाटिया के खिलाफ दर्ज करवाएगा एफआईआर
बस्तर की स्थिति को लेकर दुनियाभर के लोगों को चिंता हो रही। किन्तु वे आदिवासियों की चिंता से अधिक उनका अपमान कर रहे है साथ ही बस्तर के आदिवासियों को नक्सलवाद के साथ बता रहे है और पुलिस व जिला प्रशासन को आदिवासियों का विरोधी बता रहे है। उक्त बाते बस्तर आदिवासी सुरक्षा मंच के महेश कश्यप ने 24 जनवरी की शाम स्थानीय एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहते हुए बताया कि बस्तर में जेएनयू और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से जुड़े लोग बेलाभाटिया, कन्हेया जैसे लोग आ जा रहे है।
23 जनवरी को पंडरीपानी से लगे ग्राम परपा में पिछले डेढ दो वर्षो से बेलाभाटिया रह रही है। वह एक संदिग्ध महिला हैं जिनका संबंध भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोगों से है। ये लोग आदिवासी समाज को भी बाटना चाहते है। उन्होंने अपनी कुतिया का नाम सोमारी रखा है जबकि बस्तर में सोमवार के दिन जन्मी महिला का नाम सोमारी तथा पुरूष का नाम सोमारू रखा जाता है। इसके विरोध में श्री कश्यप ने आदिवासी हरिजन थाना में रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही और अधिकारियों से मांग करेंगे की इन्हें बस्तर से बाहर निकाला जाये। इससे भी ग्रामीण नाराज है और वे बेलाभाटिया को गांव में रहने देने नहीं चाहते है। ग्रामीणों का मानना है कि उनके माध्यम से ग्रामीणों में आपसी विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है।
पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल सरकार के इशारे पर बेलाभाटिया के घर आक्रमण हुआ। इसके जवाब में श्री कश्यप ने कहा कि सरकार का इससे कुछ लेना देना नहीं है गांव वालों का मुख्य विरोध है। एसडीएम और तहसीलदार गांव में घटना की जांच के लिए पहुंचे है वे भी ग्रामीणों पर दबाव बना रहे है कि बेलाभाटिया को गांव में ही रहने दे। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब की रहने वाली बेलाभाटिया का बस्तर से कोई संबंध नहीं है ना ही उनका कोई व्यापार व्यवसाय ही बस्तर में है तो फिर वे बस्तर में किस उदेश्य से रह रही है यह समझ से परे है। नक्सलियों द्वारा आदिवासियों की निर्मम हत्या पर वे कुछ नहीं कहती है। सोनी सोढ़ी द्वारा बस्तर में शांति स्थापित करने तथा आदिवासियों के हितों के लिए कार्य करने वाले सभी संगठन एक मंच पर आकर कार्य करे। इस संबंध में श्री कश्यप ने कहा कि इस तरह का प्रयास किया जा सकता है हम भी इसका स्वागत करते है।


